इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन के अपहरण ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया है। इस ट्रेन में 400 से ज्यादा यात्री सवार थे, जिनमें से कुछ को पाकिस्तानी सेना ने छुड़ाने का दावा किया है। हालांकि, ट्रेन अपहरण की जिम्मेदारी लेने वाले बलूच लिबरेशन आर्मी ने दावा किया है कि उसने खुद से महिलाओं, बच्चों और बूढ़ों को रिहा कर दिया है। हालांकि, बलूचिस्तान सूबे में ट्रेन अपहरण की घटना को पाकिस्तानी सेना के लिए गुड न्यूज माना जा रहा है। विशेषज्ञ प्रवीण स्वामी ने दि प्रिंट में एक लेख में बताया है कि जाफर एक्सप्रेस ट्रेन अपहरण की घटना से पाकिस्तानी सेना बलूचिस्तान में महत्वपूर्ण बढ़त बना सकती है।
बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली जिम्मेदारी
जाफर एक्सप्रेस ट्रेन का अपहरण बलूचिस्तान के बोलन दर्रे के नजदीक पेहरो कुनरी के फ्लाई-ब्लोन स्टेशनों के पास किया गया। बलूच लिबरेशन आर्मी के माजिद ब्रिगेड ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने दावा किया है कि 100 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक उनके कब्जे में हैं। ट्रेन एक सुरंग के पहले रुकी हुई है। इस इलाके में मोबाइल नेटवर्क न होने के कारण ट्रेन के मुसाफिरों के संपर्क भी नहीं हो पा रहा है। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि उसने कम से कम 27 हमलावरों को मार गिराया है और सैकड़ों यात्रियों को रिहा कराया है। हालांकि, इस घटना की बहुत कम जानकारी सामने आ रही है।
मौके का फायदा उठाएगी पाकिस्तानी सेना
प्रवीण स्वामी ने अपने लेख में लिखा कि बलूचिस्तान में ट्रेन अपहरण पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान के लिए अच्छी खबर हो सकती है। उन्होंने लिखा, “हिंसा राज्य को परिवर्तन के लिए वास्तविक लोकतांत्रिक आंदोलनों को नजरअंदाज करने और उन पर अत्याचार करने का कारण देती है, जिसका प्रतिनिधित्व बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) के नेता डॉ. महरंग बलूच जैसे लोग करते हैं। न्यायेतर हत्याओं और जबरन गायब किए जाने के खिलाफ बीवाईसी के अभियान ने प्रांत के उभरते मध्यम वर्ग को अपने अधिकारों का दावा करने के लिए एक नई भाषा प्रदान की है। भले ही पाकिस्तान की नकदी की कमी से जूझ रही सेना एक और लंबे विद्रोह का स्वागत न करे, लेकिन यह उसके अधिकार के लिए बड़े पैमाने पर राजनीतिक चुनौतियों से बेहतर है।”