नई दिल्ली
लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस सहित इंडिया गठबंधन में शामिल दलों ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर सरकार को घेरा। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है। अमूमन राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर सत्ता पक्ष, विपक्ष पर आरोप लगाता रहा है लेकिन बुधवार को रोल बदला दिखा। सदन से वॉकआउट के बाद कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि जो दल राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर वोट मांगती है, आज उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को परे रखकर एक कंपनी को सहूलियत देने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को भी नजरअंदाज कर दिया है।
खावड़ा प्रोजेक्ट पर विपक्ष का सवाल
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान गुजरात के खावड़ा में बन रहे रिनयुवल एनर्जी प्लांट (अक्षय ऊर्जा संयंत्र) के मुद्दे पर कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों ने सरकार के जवाब से असंतुष्टि जताई और वॉकआउट किया। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने प्रश्नकाल के दौरान सरकार से पूछा कि क्या खावड़ा में लगाए जा रहे संयंत्र के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रोटोकॉल में कोई ढील दी गई है? उन्होंने कहा कि खावड़ा (गुजरात) में एक बहुत बड़ा रिनयुवल एनर्जी प्लांट लगाया जा रहा है। यह भारत पाकिस्तान सीमा के एक किलोमीटर के दायरे में है। साथ ही उन्होंने पूछा कि इस प्रोजेक्ट के लिए कितनी रियायत दी गई है।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दिया जवाब
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अपने जवाब में कहा कि जब भी किसी प्रोजेक्ट को मंजूरी दी जाती है तो केंद्र, राज्यों और अन्य संबंधित एजेंसी से जरूरी लाइसेंस लिए जाते हैं। लेकिन विपक्ष उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ। विपक्षी सांसदों ने मंत्री से सवाल का जवाब देने की मांग की और नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। जिसके बाद कांग्रेस, डीएमके और एनसीपी (एसपी) सहित विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट किया।
मनीष तिवारी बोले- ये सरकार संवेदनशील नहीं
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने बाद में संसद परिसर में कहा कि खावड़ा प्रोजेक्ट भारत-पाकिस्तान की सीमा के एक किलोमीटर के दायरे में है जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा के निर्देशानुसार कोई भी बड़ा इंफ्रास्ट्रक्टर प्रोजेक्ट बॉर्डर से दस किलोमीटर के दायरे तक नहीं लग सकता। उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी निर्देशों में छूट दी है ?
तिवारी ने कहा कि ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर जो राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है, इस पर सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। इससे साफ लगता है कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति ये सरकार संवेदनशील नहीं है।
गौरव गोगोई बोले- सरकार ने नहीं दिया संतोषजनक जवाब
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट से हमें पता है कि ये प्रोजेक्ट अडानी पावर का है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या ये कंपनी राष्ट्रीय सुरक्षा से ऊपर है ? क्या उसे विशेष छूट मिली है ? क्या सेना की तरफ से जो संवेदनाएं प्रकट हुई क्या उसे इस कंपनी के मुनाफे के लिए नजरअंदाज किया गया है? गोगोई ने कहा कि कोई भी संतोषजनक जवाब सरकार ने नहीं दिया।