नई दिल्ली,
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सात प्रमुख एजेंसियों की फंडिंग में कटौती का आदेश जारी किया है. इससे जुड़ा एक आदेश उन्होंने 14 मार्च को साइन किया था. इससे प्रभावित होने वाले संस्थाओं में अमेरिकी ग्लोबल मीडिया एजेंसी (USAGM) भी शामिल है, जो दुनिया भर में वॉयस ऑफ अमेरिका और अन्य सरकारी फंड से चलने वाले मीडिया आउटलेट्स की देखरेख करती है.
USAGM की इन मीडिया आउटलेट्स की मदद से 361 मिलियन लोगों तक रीच है और संस्था 49 भाषाओं में ब्राडकास्टिंग करता है और अमेरिकी सरकार में इसका बजट 270 मिलियन डॉलर है. ट्रंप ने अपने एग्जीक्यूटिव ऑर्डर में लेबर डिस्प्यूट, होमलेसनेस यानी बेघर लोगों के लिए काम करने वाली संस्था और कम्युनिटी डेवलपमेंट जैसी संस्थाओं के हेड से संबंधित गतिविधियों पर रोक लगाने को कहा है.
सात दिनों में एजेंसियों के हेड को देना होगा अपना प्लान
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने आदेश में संबंधित एजेंसी के हेड से अगले सात दिनों में ऑफिस ऑफ मैनेजमेंट एंड बजट के सामने अपना एक प्लान पेश करने को कहा है, जिसमें यह बताया जाएगा कि कौन-कौन सी गतिविधियां लीगल रूप से अहम हैं. ट्रंप के आदेश से बता दें कि फेडरल मेडिटेशन एंडे कोन्सिलेशन सर्विस, इंस्टीट्यूट आफ म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सर्विसेज और माइनोरिटी बिजनेस डेवलपमेंट जैसी एजेंसी भी प्रभावित होंगी.
ट्रंप ने एजेंसियों की फंडिंग में कटौती क्यों की?
राष्ट्रपति ट्रंप ने इस कदम को सरकारी संचालन को सुव्यवस्थित करने और टैक्सपेयर्स के पैसे को बचाने की अपनी कोशिश का हिस्सा बताया है. यह फैसला उनके अरबपति दोस्त, एलन मस्क, द्वारा समर्थित एक बड़ी कोशिशों का हिस्सा है, सरकारी प्रोग्राम में कटौती और फेडरल वर्कर्स की संख्या को कम करने की वकालत करते हैं.
हालांकि, कुछ उपायों को न्यायिक हस्तक्षेप का सामना करना पड़ा है. 13 मार्च को दो फैसलों में सरकार की कार्रवाइयों को रद्द कर दिया गया और इस साल निकाले गए हजारों संघीय कर्मचारियों को दोबारा नियुक्त करने का आदेश दिया गया है.