मऊगंज
मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में शनिवार को हुई एक घटना ने सबको हिलाकर रख दिया है। गड़रा गांव में दो गुटों के बीच झगड़े की कीमत पुलिस को चुकानी पड़ी। पुलिसकर्मियों के झड़प ने ऐसा स्वरूप लिया कि एक एएसआई रामचरण गौतम की जान चली गई। वहीं तहसीलदार समेत कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। डीआईजी रीवा और एसपी मऊगंज सहित आला अधिकारियों को मौके पर पहुंचने के आदेश मिल गए हैं। इस घटना में शामिल दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा।
मऊगंज के गड़रा गांव में विवाद को निपटाने सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। वहां स्थिति पहले से कई गुना बिगड़ गई। विवाद हाथापाई में बदल गई इस दौरान उपद्रवियों ने पुलिस टीम को ही निशाना बना लिया। एएसआई रामचरण गौतम झड़प में गंभीर रूप से घायल हो गए। तहसीलदार और अन्य पुलिसकर्मियों को भी गंभीर रूप से चोटें लगी हैं।
सीएम मोहन ने घटना पर जताया दुख
सीएम मोहन ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि एएसआई रामचरण गौतम की मृत्यु की खबर दुखद है। मेरी गहरी शोक संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ है।
धारा 163 लागू कर सख्त कार्रवाई के आदेश
सीएम मोहन ने आला अधिकारियों को इलाके में धारा 163 लागू करने के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस तरह की अमानवीय और दुर्भाग्यपूर्ण घटना के सभी आरोपियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सीएम मोहन ने डीआईजी रीवा, एसपी मऊगंज समेत कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को मौके पर मोर्चा संभालने के लिए भी कहा है। इससे एक बात तो साफ है कि आरोपियों को बिल्कुल नहीं बख्शा जाएगा।