चंडीगढ़:
आतंकवाद के आरोपों में असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद अमृतपाल सिंह और उसके 7 सहयोगियों पंजाब वापसी होगी। भगवंत मान की अगुवाई वाली सरकार ने अमृतपाल सिंह के ऊपर से एनएसए हटाने का फैसला किया है। अजनाला अटैक में अब अमृतपाल सिंह के ऊपर राज्य में केस चलेगा और उसे राज्य की जेल में ही रखा जाएगा। अमृतपाल सिंह द वारिस पंजाब दे संगठन का नेता है। 2024 लोकसभा चुनावों में अमृतपाल सिंह ने जीत दर्ज करके चौंका दिया था। अमृतपाल से एनएसए हटाने की जानकारी पंजाब पुलिस से सामने आई है।
कार्रवाई तेज करने की कवायद
पंजाब सरकार के इस फैसले को अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई तेज करने से जोड़कर देखा जा रहा है। पिछले दिनों भगवंत मान सरकार ने संकेत दिए थे कि अब राज्य में तमाम आपराधिक मामलों की सुनवाई तेजी से होगी। इसी के बाद अब राज्य पुलिस अमृतपाल सिंह के खिलाफ फरवरी, 2023 के मामले में कार्रवाई तेज करने की कोशिश कर रही है। एनएसए हटने के बाद अब जल्द ही अमृतपाल सिंह को पंजाब लाया जा सकेगा। अमृतपाल के परिवार ने भी यही मांग की कि उसे पंजाब वापस ला जाए और उसके खिलाफ केस यहीं पर चले।
क्या है ये पूरा मामला?
23 फरवरी 2023 को लगभग 200-250 लोगों की भीड़ ने पंजाब के अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला किया। भीड़ घातक हथियारों से लैस थी। इसकी अगुवाई अमृतपाल सिंह ने की थी। भीड़ का उद्देश्य पुलिस हिरासत में लिए गए एक सहयोगी को छुड़ाना था। इस संघर्ष में छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। कानूनी कार्रवाई के बाद अमृतपाल के कई सहयोगियों को NSA के तहत हिरासत में लिया गया था। इसके बाद असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में भेजा गया, लेकिन जेल में रहते हुए अमृतपाल ने पंजाब की चर्चित लोकसभा सीट खडूर साहिब से जीत हासिल कर ली थी।