गौरक्षा के मुद्दे पर नेताओं से मिलने पहुंचे शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को पुलिस ने रोका, जानें पूरा मामला…

दिल्ली

गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर दिल्ली के आईटीओ स्थित अजय भवन पहुंचने से पहले शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरामंद सरस्वती को उनके समर्थकों के साथ दिल्ली के नरेला इलाके में रोक दिया गया. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती गौ रक्षा के लिए समर्थन जुटाने राजनीतिक दलों के कार्यालय जा रहे थे. उन्होंने खुद इसका वीडियो जारी कर कहा है कि हमें बाहरी दिल्ली के गोगा गांव में रोक दिया गया है, जहां पर पुलिस ने रास्ते के बीच में लाकर एक ट्रक खड़ा कर दिया है और हमसे कहा जा रहा है कि आप आगे नहीं जा सकते.

वीडियो में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती कहते हुए नजर आ रहे हैं कि “इस देश में गौ माता की बात करने से रोका जा रहा है. पुलिस अगर रामलीला मैदान में बैठकर प्रदर्शन का परमिशन देती तो आज 17 मार्च के इस प्रदर्शनृ निरस्त कर दिया जाता.लेकिन कितने दुर्भाग्य की बात है कि ये सब गौ माता के भक्तों के साथ हो रहा है.”

शंकराचार्य ने बताया कि कि उन्होंने खुद दिल्ली पुलिस से रामलीला मैदान में गौ रक्षा के लिए बैठकर प्रदर्शन करने की परमिशन मांगी थी लेकिन इस परमिशन को देने से प्रशासन ने इनकार कर दिया था. इसके बाद शंकराचार्य जी ने आज सुबह 11 बजे दिल्ली के आईटीओ स्थित सीपीआई पार्टी कार्यालय से अपना अभियान शुरू करने की तैयारी की थी. दिल्ली में अधिकांश पार्टियों के कार्यालय के सामने जाकर उन्होंने अपनी बात कहने का प्लान बनाया था. इसी प्रकार भाजपा, कांग्रेस, सपा, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, आदि पार्टियों के कार्यालय के सामने जाकर शंकराचार्य को पार्टियों के सामने गौ रक्षा को लेकर अपनी बात रखनी थी.

दिल्ली पुलिस ने कानून-व्यवस्था का दिया हवाला
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पहले दिल्ली के रामलीला मैदान में धरना देने की अनुमति मांगी थी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने कानून-व्यवस्था की चिंताओं का हवाला देते हुए उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी। इसके बाद उन्होंने अपना प्लान बदलते हुए दिल्ली में सभी राजनीतिक दलों से मिलने का निर्णय लिया। परंतु जब वह आज दिल्ली में नेताओं से मिलकर गौरक्षा पर चर्चा करने आए थे, तब पुलिस ने उन्हें रोक दिया।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस नाराजगी जाहिर की
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस दौरान अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि नेता दावा करते हैं कि वे गायों की रक्षा करेंगे, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि प्रतिदिन 80,000 गायों का वध किया जाता है। स्वामी जी ने इस पाखंड को समाप्त करने की बात की और कहा कि एक सच्चा हिंदू गौहत्या को कभी सहन नहीं कर सकता। उनका मानना है कि हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है और गाय की हत्या को महापाप माना जाता है।

उन्होंने आगे कहा कि अगर यह स्थिति इसी तरह जारी रही तो हिंदू राष्ट्र की अवधारणा का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा। स्वामी जी ने यह भी कहा कि वह अब घर-घर जाकर सभी नेताओं से अपने विचार साझा करेंगे और गाय की रक्षा के मुद्दे पर उनका रुख स्पष्ट करेंगे। स्वामी जी ने यह भी बताया कि इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के एक नेता ने उनका समर्थन किया है, जबकि अन्य राजनीतिक दल चुप हैं और इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं।

राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की यह बात राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है। उनका कहना है कि गौहत्या पर समाज और राजनीति में चुप्पी तोड़ने की आवश्यकता है और इसी उद्देश्य से वह अपनी बात सभी नेताओं से करना चाहते हैं। उनका यह आंदोलन गौ माता के प्रति श्रद्धा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए है, जिसका समर्थन उन्हें समाज के कुछ हिस्सों से मिल रहा है, जबकि अन्य लोग इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं।

गौरक्षा का मुद्दा सुर्खियों में आया
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के इस कदम से एक बार फिर गौरक्षा का मुद्दा सुर्खियों में आ गया है। अब देखना होगा कि राजनीतिक दल और पुलिस इस पर किस तरह की प्रतिक्रिया देते हैं और स्वामी जी के आंदोलन में कितनी बढ़ोतरी होती है।

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