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मुसलमानों के लिए हिंदुओं ने लड़ा युद्ध, जान देकर बनवाई मस्जिद, जानें केरल की 500 साल से जारी ‘शुक्रिया’ परंपरा

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तिरुवनंतपुरम

जब देश में पुराने मुस्लिम शासकों से जुड़ी जगहों को लेकर विवाद हो रहे हैं, तब कुट्टीचिरा के मुस्लिम समुदाय ने सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की है। केरल के कोझिकोड में एक खास परंपरा निभाई जा रही है। मुस्लिम रमजान के महीने में एक खास काम करते हैं। कुट्टीचिरा के लोग ज़मोरिन के वंशजों से मिलने जाते हैं। ज़मोरिन, मालाबार के पुराने हिंदू शासक थे। यह मुलाकात 1510 में पुर्तगालियों के हमले से मिश्कल मस्जिद को बचाने के लिए धन्यवाद देने के लिए होती है। मुसलमान यह मुलाकात रमजान के 22वें दिन करते हैं।यह मुलाकात रविवार को होगी। कोझिकोड के कार्यवाहक काज़ी और मिश्कल मस्जिद के काज़ी सफीर साकफी इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। वे राजा को एक स्मृति चिन्ह भी भेंट करेंगे।

जमोरियन ने करवाया था मस्जिदों का निर्माण
मुलाकात ज़मोरिन के किए गए एक और काम की याद दिलाती है। उन्होंने 1571 में पुर्तगालियों के चेलियम किले पर कब्ज़ा कर लिया था। फिर किले के बचे हुए हिस्सों से मस्जिद का पुनर्निर्माण करवाया था। इस साल, कुट्टीचिरा के कई संगठन, जैसे कि काज़ी परिवार के वंशज, मस्जिद समिति और काज़ी फाउंडेशन, ज़मोरिन के मौजूदा वंशज के. सी. उन्नी अनुजन राजा के घर जाएंगे

मुसलमानों के लिए नायर योद्धाओं ने लड़ी थी लड़ाई
1510 में, अफोंसो डी अल्बुकर्क के नेतृत्व में पुर्तगाली सेना ने मिश्कल मस्जिद को जलाने की कोशिश की थी। तब ज़मोरिन ने 500 सैनिकों की एक सेना भेजी, जिसमें ज्यादातर नायर योद्धा थे। इन योद्धाओं ने स्थानीय मुसलमानों के साथ मिलकर लड़ाई लड़ी। कुछ योद्धाओं ने अपनी जान भी दे दी। हालांकि, मस्जिद का कुछ हिस्सा जल गया था और उसका मिहराब (प्रवचन देने का स्थान) नष्ट हो गया था। अरब व्यापारी नाखुदा मिश्कल की स्थापित यह मस्जिद आज भी उस हमले के निशान दिखाती है।

जमोरियन और अरबों के बीच संबंध तोड़ने के हुए थे प्रयास
काज़ी परिवार के वंशज और काज़ी फाउंडेशन के महासचिव एम. वी. रामसी इस्माइल ने कहा कि यह मुलाकात हमारी एकता और सद्भाव को दर्शाती है। हम पिछले एक दशक से ऐसा कर रहे हैं ताकि भाईचारे का इतिहास आज के विवादों में खो न जाए। उनका कहना है कि पुर्तगालियों ने जानबूझकर मिश्कल मस्जिद को निशाना बनाया ताकि ज़मोरिन और अरबों के बीच अच्छे संबंधों को तोड़ा जा सके।

मुस्लिम इलाका है कुट्टीचिरा
इस्माइल ने यह भी बताया कि कुट्टीचिरा एक मुस्लिम इलाका है, लेकिन यहां दूसरे धर्मों के भी कई महत्वपूर्ण पूजा स्थल हैं, जैसे कि श्री भगवान कालिकुंड पार्श्वनाथ जैन मंदिर और गुजराती मंदिर। यहां सभी समुदाय शांति से रहते हैं। इतिहासकार पी. शिवदासन का कहना है कि मिश्कल और ज़मोरिन का रिश्ता आज के समय में बहुत महत्वपूर्ण है। आजकल देश को सांस्कृतिक एकता से दूर ले जाने और धार्मिक स्थलों पर मालिकाना हक को लेकर विवाद बढ़ाने की कोशिशें हो रही हैं। उन्होंने कहा, ‘ज़मोरिन की सेना ने 1571 में पुर्तगालियों को हराया और चेलियम किले पर कब्ज़ा कर लिया। यह भारत में यूरोपीय लोगों की पहली हार थी। किले को नष्ट कर दिया गया और ज़मोरिन ने एक प्रतीकात्मक कदम उठाते हुए किले की लकड़ी का इस्तेमाल मिश्कल मस्जिद की मरम्मत के लिए किया।’

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