श्रीनगर:
जम्मू- कश्मीर में अलगाववादी संगठन ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को एक बड़ा झटका लगा है। जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट और डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से सारे रिश्ते तोड़ने का ऐलान किया है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से ही यह संगठन घाटी में निष्क्रिय हो गया था। गृह मंत्री अमित शाह ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की जीत बताया है। उनका कहना है कि मोदी सरकार की नीतियों के कारण जम्मू और कश्मीर से अलगाववाद को खत्म हो गया है।
अमित शाह ने किया फैसले का स्वागत
डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट के नेता मोहम्मद शफी रेशी ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी गिलानी ग्रुप से पूरी तरह नाता तोड़ लिया है। इसके अलावा जम्मू -कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट ने भी अलगाववाद से संबंध करने की घोषणा की है। घाटी में हुए इस बड़े घटनाक्रम का केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वागत किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अमित शाह ने लिखा है कि कश्मीर में अलगाववाद इतिहास बन गया है। मोदी सरकार की एकजुट करने वाली नीतियों ने जम्मू -कश्मीर से अलगाववाद को बाहर कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह भारत की एकता को मजबूत करने की दिशा में एक अच्छा कदम है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के अन्य ग्रुपों से भी अलगाववाद छोड़ने की अपील की है।
कई संगठनों पर हाल ही लगाया गया बैन
दो अलगाववादी संगठनों के हृ्दय परिवर्तन को राजनीतिक तौर से मील का पत्थर माना जा रहा है। धारा-370 हटने के बाद से घाटी में आतंकवाद पर नकेल कसने के लिए केंद्र सरकार ने अलगाववादी ग्रुपों के खिलाफ सख्ती की। आतंकवादियों के खिलाफ सेना का एक्शन भी जारी रहा। घाटी के दो ग्रुपों का बयान ऐसे समय में आया है, जब गृह मंत्रालय ने मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले अवामी एक्शन कमेटी और मौलवी मसरूर अब्बास अंसारी के नेतृत्व वाले जेएंडके इत्तेहादुल मुस्लिमीन को पांच साल के लिए बैन कर दिया है।
अलगाववादियों के खिलाफ सख्ती जारी रहेगी
आतंकी संगठनों पर बैन के बारे में अमित शाह ने एक पोस्ट में कहा कि ये संगठन लोगों को कानून और व्यवस्था भंग करने के लिए उकसा रहे थे, जिससे देश की एकता और अखंडता को खतरा था। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। सरकार का मानना है कि इन संगठनों पर बैन लगाने से घाटी में शांति और स्थिरता लाने में मदद मिलेगी। सरकार अलगाववादी ताकतों को कमजोर करने और विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।