मुंबई:
लाडली बहना योजना के कारण महाराष्ट्र में महिलाओं ने महायुति के पक्ष में भारी मतदान किया। विधानसभा चुनाव से पहले महायुति ने घोषणा की थी कि लाडली बहना योजना के तहत महिलाओं को 1,500 रुपये से बढ़ाकर 2,100 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। लेकिन अब विधानसभा चुनाव के लगभग चार महीने बीत चुके हैं। इसके बाद भी महिलाओं को महायुति की ओर से वादा की गई लाडली बहना योजना की 2,100 रुपये की किस्त नहीं मिली है। इसको लेकर विपक्ष सरकार की लगातार आलोचना कर रहा है। इस बीच उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शनिवार 29 मार्च को लाडली बहना योजना के संबंध में बड़ा बयान दिया। इस बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि सरकार चुनाव घोषणापत्र में किए गए सभी वादों को पूरा करेगी।
शिदे ने क्या कहा?
लाडली बहना योजना के तहत 2100 रुपये की किस्त के बारे में बात करते हुए उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति मजबूत होने के बाद लाडली बहना योजना के तहत महिलाओं को मिलने वाली मासिक सहायता राशि 1500 रुपये से बढ़ाकर 2100 रुपये कर दी जाएगी। साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार चुनाव घोषणापत्र में किए गए सभी वादों को पूरा करेगी। शिंदे का बयान ऐसे समय में आया है, जब एक दिन पहले ही उनके मंत्रिमंडल सहयोगी अजित पवार ने कहा कि किसानों को कृषि ऋण माफी का इंतजार नहीं करना चाहिए।
अजित पवार के बाद अब शिंदे का बयान
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बताया कि किसानों को ऋण माफी की घोषणा का इंतजार किए बिना अपने फसल ऋण की किस्तें समय पर चुकानी चाहिए। अजित पवार के इस बयान के बाद विपक्ष उनकी कड़ी आलोचना कर रहा है। राज्य की मौजूदा वित्तीय कठिनाइयों का हवाला देते हुए अजित पवार के बयान के बाद लाडली बहना योजना के संबंध में एकनाथ शिंदे का बयान सामने आया है।
घोषणापत्र में किए गए सभी वादे पूरे करेंगे-शिंदेअजित पवार के बयान के बाद एकनाथ शिंदे ने कहा कि हम घोषणापत्र में किए गए हर वादे को पूरा करेंगे। हम इसे प्रिंटिंग मिसकेट नहीं कहेंगे। बेमौसम बारिश से हुई फसल क्षति के लिए किसानों को 1,600 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई है। यह सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार किसानों के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कृषि क्षेत्र में सरकार की ओर से किए गए कुछ कार्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कृषि व्यवसायों के लिए 45,000 करोड़ रुपये के प्रावधान, किसान सम्मान योजना और फसल बीमा योजना जैसी चल रही पहलों की ओर ध्यान आकर्षित किया।