भीलवाड़ा:
राजस्थान में वसुंधरा राजे के बयान और दलित नेता पर राजनीति में हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि अधिकारियों को बचाने के लिए कार्यकर्ताओं की बलि नहीं चढ़ने देंगे। उन्होंने मांडलगढ़ में कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और जयपुर विधायक गोपाल शर्मा का प्रशासन पर हावी होने का बयान गलत नहीं है। गलती करने वाले अफसरों पर कार्रवाई होगी। दूसरी तरफ दलित कांग्रेस नेता टीकाराम जूली और ज्ञानदेव आहूजा के गंगाजल विवाद पर भी खुलकर अपनी बात रखी।
बीजेपी चीफ बोले- कार्यकर्ताओं की बलि नहीं चढ़ने देंगे
उन्होंने वसुंधरा राजे के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि अधिकारी की लापरवाही पर कार्रवाई जरूरी है, कार्यकर्ताओं को नुकसान नहीं पहुंचेगा। अधिकारियों को बचाने के लिए कार्यकर्ताओं की बलि नहीं चढ़ने देंगे। मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए मदन राठौड़ ने कहा कि वे मेहनती हैं और राजस्थान के विकास के लिए समर्पित हैं। सौर ऊर्जा, पानी और निवेश जैसे कार्यों का जिक्र भी किया। बता दें कि वसुंधरा राजे ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा था कि गर्मी में पेयजल संकट के कारण जनता त्रस्त है। अफसर तृप्त है। पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुंचे। अफसर सो रहें है, लोग रो रहें हैं। मैं ऐसा नहीं होने दूंगी।
https://x.com/VasundharaBJP/status/1909643750432710709?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1909643750432710709%7Ctwgr%5E05fd6dd27b807e50b4ff8ae80709fb116fb6a477%7Ctwcon%5Es1_c10&ref_url=https%3A%2F%2Fnavbharattimes.indiatimes.com%2Fstate%2Frajasthan%2Fbhilwara%2Fmadan-rathore-gave-clarification-on-issue-of-vasundhara-raje-gyan-dev-ahuja-and-tika-ram-jully%2Farticleshow%2F120156602.cms
दलित नेता पर छिड़ी बहस पर दी सफाई
पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा के गंगाजल वाले कृत्य पर राठौड़ ने कहा कि पार्टी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। आहूजा को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। पार्टी जीरो टॉलरेंस नीति पर चलती है। कांग्रेस नेता टिकाराम जूली के एक मंदिर में प्रवेश के बाद वहां गंगाजल से ‘शुद्धिकरण’ करने की घटना पर बीजेपी ने अपने पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया। यह मंदिर अलवर जिले में स्थित है। इस घटना के बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर दलित विरोधी मानसिकता का आरोप लगाते हुए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से माफी की मांग की थी। इसके जवाब में बीजेपी आलाकमान ने आहूजा के खिलाफ सख्त कदम उठाया और उन्हें निलंबित कर दिया।