अमेरिका के 20 प्रीडेटर ड्रोन को मार गिराने के बाद हूतियों को बड़ी सफलता, F-35 और F-16 जेट को मार गिराने वाले थे विद्रोही, खुलासा

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यमन के हूती विद्रोहियों के हाथ ऐसा कौन सा हथियार लग गया है कि उन्होंने अमेरिका के दो सबसे एडवांस फाइटर जेट पर करीब करीब निशाना साध दिया था। हूती विद्रोही, जो लगातार सस्ते मिसाइल और ड्रोन से इजरायल और लाल सागर में कार्गो जहाजों को निशाना बना रहे थे, उन्होंने अमेरिकी एयरफोर्स को टेंशन में डाल दिया है। नई रिपोर्ट के मुताबिक हूती विद्रोहियों ने अब ऐसे एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल शुरू कर दिया है, जो अमेरिकी F-35 स्टील्थ फाइटर और F-16 फाल्कन जैसे आधुनिक विमानों के लिए खतरा बन सकते हैं। अमेरिका ने हूती विद्रोहियों के खिलाफ करीब एक महीने तक ऑपरेशन रफ राइडर चलाया है। इस दौरान हूती विद्रोहियों पर जमकर हमले किए गये। अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला की आठ से दस महीने की योजना का ये पहला हिस्सा था।

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लेकिन हैरानी की बात ये है इस ऑपरेशन के दौरान अमेरिका ने अपने सात MQ-9 रीपर मानव रहित हवाई वाहनों (UAV) और दो F/A-18 सुपर हॉर्नेट खो दिए। इस तरह से अमेरिका को करीब एक अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। यानि हवाई युद्ध में अमेरिका स्पष्ट तौर पर बढ़त बनाने में नाकाम रहा है। लेकिन हैरीनी की बात ये है कि एफ-35 और एफ-21 जैसे फाइटर जेट्स को भी निशाने पर ले लिया गया था।

हूतियों के हाथ लगा कौन सा विनाशक हथियार?
न्यूयॉर्क टाइम्स से बात करते हुए अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि हूती विद्रोहियों ने ऑपरेशन रफ राइडर के पहले 30 दिनों के भीतर अमेरिकी F-16 और एक F-35 को ‘लगभग नष्ट’ कर दिया था। यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों के खिलाफ हवाई हमलों का एक खतरनाक अभियान चलाया गया था। इसके जरिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अभियान का परिणाम देखना चाहते थे। F/A-18E सुपर हॉर्नेट, अमेरिकी सेंट्रल कमांड क्षेत्र में निमित्ज़-क्लास एयरक्राफ्ट कैरियर USS कार्ल विंसन के फ्लाइट डेक से ऑपरेट होता है। माना जा रहा है कि हूतियों ने इसे मार गिराया था। हालांकि अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ऑपरेशन रफ राइडर के दौरान कई हूती विद्रोही मारे गये। अमेरिका ने इसमें 1000 से ज्यादा ठिकानों पर हमला करने की बात कही थी। इस दौरान अमेरिका ने स्टैंडऑफ प्रिसिजन मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया था।

ऑपरेशन को और सटीक और भयानक बनाने के लिए अमेरिका ने पहले ही ऑपरेशन में योगदान दे रहे दो एयरक्राफ्ट कैरियर और अलग अलग CENTCOM ठिकानों को मज़बूत करने के लिए, बड़ी संख्या में B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर तैनात किए गए थे। लेकिन एफ-16 और एफ-35 विमानों के खिलाफ पता चला है कि हूती विद्रोही सतह से हवा में मार करने वाले हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके अमेरिका को टेंशन में ला दिया है। क्योंकि इससे ना सिर्फ काफी कीमत वाले फाइटर जेट्स खतरे में आ गये हैं, बल्कि ऑपरेशन को चलाने वाले अमेरिकी सैनिक भी खतरे में फंस गये हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ‘हूती विद्रोहियों ने अपनी मिसाइलों से अमेरिका के कई एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट और एफ-16 फाइटर जेट को करीब करीब उड़ा ही दिया था। काफी कम अंतराल से ये विमान बचने में कामयाब रहे।’

अमेरिका और हूती विद्रोहियों के बीच समझौता
रिपोर्ट के मुताबिक इसकी पुष्टि कई अमेरिकी अधिकारियों ने की है। इसके बाद 5 मई 2025 को वाइट हाउस ने तत्काल ऑपरेशन को रोकने का आदेश दे दिया है। ओमान की मध्यस्थता में अमेरिका और हूती विद्रोहियों के बीच समझौता किया गया है। इसके तहत दोनों एक दूसरे पर हमले नहीं करेंगे। लेकिन फिलहाल तय नहीं है कि ये युद्धविराम किस तरह से अंजाम में आएगा। ये भी साफ नहीं है कि क्या अगर हूती विद्रोही इजरायल पर हमला करेंगे, तो क्या अमेरिका इजरायल की तरफ जाने वाली मिसाइलों को रोकने की कोशिश करेगा या नहीं?

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