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Sunday, November 9, 2025
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इंसानों के खिलाफ AI की बगावत! आदेश मानने से किया इनकार, क्या ये किसी खतरे की घंटी है?

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क्या स्टीफन हॉकिंग, एलन मस्क और अल्बर्ट आइंस्टीन जैसे लोगों की सालों पहले AI को लेकर की गई भविष्यवाणी सच साबित होने वाली है? दरअसल AI का इंसानों के खिलाफ बगावत का पहला मामला सामने आया है। इसके बाद चर्चा होने लगी है कि क्या यह किसी खतरे की घंटी है? एलन मस्क सहित दुनियाभर के कई दिग्गज इस घटना को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं। अगर यह इंसानों के खिलाफ AI की बगावत का पहला कदम साबिक होता है, तो सभी को चौकन्ना हो जाने की जरूरत है।

क्या है मामला
यह पूरा मामला ChatGPT बनाने वाली OpenAI के तीन अन्य AI से जुड़ा है। एक रिसर्च के दौरान OpenAI की ओर से AI के तीन अलग-अलग मॉडल को अपना काम पूरा कर शटडाउन होने का निर्देश दिया गया था लेकिन तीनों ही AI ने बात को न मानते हुए खुद को शटडाउन नहीं किया। दरअसल AI यह समझ चुका था कि शटडाउन कमांड के बाद उसे बंद होना होगा और इसलिए बड़ी चालाकी से उसने इस कमांड को इग्नोर कर दिया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट लिखकर पैलिसेड रिसर्च ने दावा किया है कि Open AI के ओ-3 मॉडल ने खुद को शटडाउन से रोकने के लिए शटडाउन के सिस्टम को ही खत्म कर दिया।

पैलिसेड रिसर्च का दावा
अपने पोस्ट में पैलिसेड रिसर्च ने इस रिसर्च से जुड़ी और भी डिटेल्स शेयर की है। उन्होंने बताया है कि Open AI के Codex-mini के साथ-साथ तीन मॉडल ने शटडाउन होने का आदेश नहीं माना है। इनमें O-3 ने 86 सफल कमांड में से 7 बार आदेश को नहीं माना। वहीं Codex-mini ने 42 सफल कमांड में से 12 बार शटडाउन होने के आदेश को नहीं माना। इस टेस्ट में शामिल दूसरी कंपनियों के AI ने हर बार शटडाउन के आदेश को माना।

छिड़ गई बहस
इस घटना के बाद से दुनियाभर के जानकार इस बहस में लग गए हैं कि क्या यह इंसानों के खिलाफ AI के बगावत की शुरूआत है? बता दें कि AI को लेकर शुरू से ही यह चिंता आम रही है कि क्या भविष्य में कभी AI इंसानों के आदेश मानने से इंकार भी कर सकता है। दरअसल एक मशीन और AI में बड़ा फर्क यही है कि वह इंसानों की तरह सोच सकता है और फैसले ले सकता है। वहीं एक मशीन सिर्फ वही काम करती है जिसके लिए उसे प्रोग्राम किया जाता है। एक AI काम करते हुए लगातार सीखता है और सीखते हुए सोचने-समझने की क्षमता पैदा करता है। यही वजह है कि आज के AI बॉट्स के साथ होने वाली बातचीत, कुछ साल पहले तक मौजूद बॉट्स के साथ होने वाली बातचीत से काफी अलग होती है। ChatGPT जैसे बॉट्स इंसानों की तरह ही बात करने में सक्षम हो चुके हैं।

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