पाकिस्तान के समर्थन में आया एक और मुस्लिम देश, भारत के खिलाफ शहबाज शरीफ वाला राग अलापा

बाकू

पाकिस्तान का एक और मुस्लिम दोस्त भारत से तनाव के बीच उसके समर्थन में खड़ा हुआ है। उसने न सिर्फ पाकिस्तान की स्थिति का समर्थन किया है, बल्कि कश्मीर को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के रिज्योलूशन वाला राग भी अलापा है। इस देश ने पहलगाम हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है और युद्ध की जगह वार्ता के जरिए समाधान तलाशने पर जोर दिया है। पाकिस्तान के इस दोस्त देश का नाम अजरबैजान है, जो कश्मीर मुद्दे पर खुलकर उसका समर्थन करता है। इससे पहले तुर्की और चीन ने पाकिस्तान का समर्थन किया है।

भारत-पाकिस्तान तनाव पर क्या बोला अजरबैजान
अजरबैजानी विदेश मंत्रालय के लिखित बयान के अनुसार, “हम पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच उत्पन्न तनाव से चिंतित हैं। हम संयम बरतने और मौजूदा तनाव को कम करने के लिए रचनात्मक बातचीत करने का आह्वान करते हैं। ऐसी अस्थिर स्थिति में एकतरफा कार्रवाई से बचना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, हम आशा करते हैं कि वर्तमान स्थिति को हल करने के लिए एक खुली और पारदर्शी अंतरराष्ट्रीय जांच की जाएगी।”

अजरबैजान ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का राग अलापा
इसके अलावा अजरबैजान ने कहा, “हमारा मानना है कि अंतरराष्ट्रीय कानून के मानदंडों और सिद्धांतों तथा प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के अनुरूप सार्थक वार्ता और बातचीत ही संघर्ष का समाधान करने का मार्ग है। क्षेत्रीय स्थिरता में साझा और पारस्परिक हितों को स्वीकार करते हुए, हम आशा करते हैं कि दोनों पक्ष शांति और सहयोग को बढ़ावा देने तथा अपने लोगों और व्यापक क्षेत्र की भलाई की रक्षा करने के लिए राजनयिक माध्यमों का उपयोग करेंगे।”

पाकिस्तान का खास दोस्त है अजरबैजान
अजरबैजान और पाकिस्तान इस्लाम के नाम पर एक दूसरे के करीबी दोस्त हैं। अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव पाकिस्तान को अपना भाई बताते हैं। उनके शासनकाल में अजरबैजान ने संयुक्त राष्ट्र में कई बार कश्मीर का मुद्दा उठाया है। कुछ दिनों पहले ही अलीयेव ने पाकिस्तान का दौरा किया था, जहां उन्होंने एक बार फिर कश्मीर राग अलापा था। उन्होंने पाकिस्तान के साथ रक्षा संबंधों को मजबूत करने को लेकर समझौते पर भी हस्ताक्षर किए थे। पाकिस्तान और अजरबैजान के रक्षा संबंध काफी मजबूत हैं। दोनों देश एक दूसरे के साथ सैन्य अभ्यास के अलावा धर्म के नाम पर दोस्ती का दावा भी करते हैं।

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