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एस-400 मिसाइल सिस्टम को लेकर दोस्त रूस ने दिया वक्त का झटका! भारत को इस वर्ष से पहले मिलने की संभावना कम

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नई दिल्ली

भारत को एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली (S-400 defence system) 2026 से पहले मिलने की संभावना कम है। रूस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है। उनका कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौरान इस सिस्टम ने अच्छा काम किया था। S-400 एक शक्तिशाली मिसाइल सिस्टम है, जो दुश्मन के फाइटर जेट और मिसाइलों को मार गिरा सकता है। भारत ने रूस से पांच S-400 सिस्टम खरीदने का समझौता किया है, जिनमें से कुछ मिल चुके हैं और बाकी 2026 तक मिलने का भरोसा दिया जा रहा है। भारत में रूस के उप राजदूत रोमन बाबुश्किन (Roman Babushkin) ने बताया कि भारत को S-400 मिसाइल सिस्टम 2026 तक मिल जाएगा।

‘एयर डिफेंस सिस्टम पर बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए तैयार’
रूसी उप राजदूत रोमन बाबुश्किन ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच जब तनाव था, तब S-400 ने बहुत अच्छा काम किया था। उनके अनुसार, इस सिस्टम ने पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया था। बाबुश्किन ने कहा कि भारत और रूस लंबे समय से एक-दूसरे के साथ सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने यूरोप के हालात का हवाला देते हुए कहा कि रक्षा के क्षेत्र में यह साझेदारी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि वे एयर डिफेंस सिस्टम पर बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं। उनके अनुसार, बाकी S-400 यूनिट्स का कॉन्ट्रैक्ट समय पर पूरा हो जाएगा।

साल 2025 या 2026 तक मिलने की रूसी राजनयिक ने जताई संभावना
रूसी उप राजदूत कहा, ‘मुझे जितना पता है, उसके अनुसार S-400 यूनिट्स की बची हुई डील समय पर पूरी हो जाएगी। हम एयर डिफेंस सिस्टम पर बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए इस साझेदारी को और बढ़ावा देने के लिए तैयार हैं। मुझे लगता है कि यह सब 2025 या 2026 तक हो जाएगा।’ भारत ने 2018 में रूस के साथ 5.43 बिलियन डॉलर का समझौता किया था। इसके तहत, भारत को पांच S-400 मिसाइल सिस्टम मिलने थे। इनमें से तीन सिस्टम पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर तैनात किए गए हैं, जो पाकिस्तान और चीन के साथ लगती हैं। दरअसल, जिस तरह से ऑपरेशन सिंदूर अभी सिर्फ स्थगित हुआ है, ऐसे में भारत को इस एयर डिफेंस सिस्टम के जल्द से जल्द आवश्यकता है।

सुदर्शन चक्र की सप्लाई में रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से हुई देरी!
भारत को पहला S-400 मिसाइल सिस्टम दिसंबर 2021 में मिला था, जबकि दूसरा अप्रैल 2022 और तीसरा अक्टूबर 2023 में मिला। इसे देश में ‘सुदर्शन चक्र’ नाम दिया गया है। यह 380 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन के बम वर्षक विमानों, जासूसी विमानों, मिसाइलों और ड्रोन को मार गिरा सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, यह डील 2023 तक पूरी होने वाली थी, लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण सप्लाई में दिक्कतें आईं, जिससे डिलीवरी में देरी हुई।

एक साथ कई लक्ष्यों पर निशाना साध सकता है सुदर्शन चक्र
2021 में रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा था, ‘S-400 मिसाइल एक बहुत ही शक्तिशाली सिस्टम है। यह एक बड़े इलाके को लगातार और प्रभावी हवाई सुरक्षा दे सकता है। इस सिस्टम के आने से देश की हवाई सुरक्षा क्षमता बहुत बढ़ जाएगी।’ ऑपरेशन सिंदूर में यह पूरी तरह से सही साबित हुआ और दुश्मन के हर नापाक हरकतों को समय रहते नाकाम कर दिया गया। S-400 सिस्टम एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बना सकता है। इसमें विमान, क्रूज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल शामिल हैं। इसमें मिसाइल लॉन्चर, एक शक्तिशाली रडार और एक कमांड सेंटर होता है। यह लगभग सभी तरह के आधुनिक लड़ाकू विमानों को मार गिरा सकता है। लंबी दूरी की मारक क्षमता के कारण नाटो (NATO) देश इसे एक बड़ा खतरा मानते हैं।

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