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Tuesday, September 16, 2025
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पाक के साथ बढ़े तनाव के बीच सरकार का सूचना तंत्र हुआ सुपर एक्टिव, फेक न्यूज के खिलाफ चलाई मुहिम

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नई दिल्ली

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़े तनाव और युद्ध जैसे हालात के बीच हालात को लेकर लोगों के बीच खासकर मीडिया में चल रही खबरों व चर्चाओं के जरिए पेनिक व अफवाह न फैले इसे लेकर भारत सरकार फिलहाल सुपर एक्टिव मोड में चल रही है। जहां एक ओर भारत सरकार का सूचना व प्रसारण मंत्रालय मीडिया व सोशल मीडिया चल चल रही खबरों व कंटेंट को लेकर लगातार निर्देश जारी कर रहा है, वहीं दूसरी ओर रक्षा मंत्रालय की ओर से भी शुक्रवार को भारत-पाक के बीच बने ताजा तनावपूर्ण हालात के मद्देनजर मीडिया कवरेज को लेकर अडवाइजरी जारी की गई।

रक्षा मंत्रालय ने जारी की गाइलाइन
यह अडवाइजरी रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया X के जरिए जारी की। इस अडवाइजरी में सरकार ने सभी मीडिया चैनलों, डिजिटल प्लेटफॉर्मों और आम नागरिकों को सुरक्षा बलों की कार्रवाई या मूवमेंट की लाइव कवरेज से दूर रहने की सख्त हिदायत दी है। इस संबंध में कहा गया है कि किसी भी तरह की लाइव रिपोर्टिंग या संवेदनशील जानकारी साझा करने से ऑपरेशन की सफलता पर असर पड़ सकता है और जवानों की जान खतरे में पड़ सकती है।

न्यूज चैनलों की रिपोर्टिंग को लेकर दिए निर्देश
इस तथ्य को रेखांकित करने के लिए बाकायदा सरकार की ओर से कारगिल युद्ध, 26/11 मुंबई हमले और कंधार विमान अपहरण जैसे मामलों का उदाहरण देते हुए कहा गया कि इन सभी मामलों में देखा गया कि लाइव रिपोर्टिंग से आतंकियों को फायदा पहुंचा और सुरक्षा एजेंसियों की कार्यवाही में बाधा आई। उल्लेखनीय है कि सरकार के सामने कई ऐसी स्थितियां आईं, जब लाइव रिर्पाटिंग के चलते सुरक्षा एजेंसियों के काम में मुश्किलें खड़ी हुईं। इसे लेकर आला सूत्र का कहना था कि मीडिया में वॉर रिर्पोटिंग उचित हैं, लेकिन उसकी लाइव कमेंट्री ठीक नहीं।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि केवल अधिकृत अधिकारियों द्वारा समय-समय पर दी जाने वाली जानकारी ही प्रकाशित या प्रसारित की जाए। यह निर्देश कैबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के क्लॉज 6(1)(p) के तहत दिया गया है। सरकार ने मीडिया और आम नागरिकों से अपील की है कि वे राष्ट्रहित, सुरक्षा और जिम्मेदार पत्रकारिता को प्राथमिकता देते हुए सतर्कता बरतें।

सूचना प्रसारण मंत्रालय भी एक्टिव
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार का सूचना व प्रसारण मंत्रालय इसे लेकर लगातार एक्टिव है। पिछले एक हफ्ते के भीतर सरकार की ओर से कई निर्देश व अडवाइजरी आ चुकी हैं, जिनमें पाकिस्तान से जुड़े कंटेट को भारत में दिखाए जाने पर रोक से लेकर विभिन्न मीडिया सर्विसेस ( प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल व सोशल मीडिया) को ऑपरेशन सिंदूर व उसके बाद बने ताजा हालात को लेकर संयमित व जिम्मेदार रिपोर्टिंग किए जाने के बाबत निर्देश व सलाह दी गई।

लगातार कर रहे फैक्ट चेक
इन दिनों सूचना व प्रसारण मंत्रालय के तहत आने वाले विभिन्न विभाग आपस में समन्वय बनाकर काम कर रहे हैं, जिसमें मंत्रालय के तहत आने वाला पत्र सूचना विभाग (पीआईबी) नोडल एजेंसी की भूमिका निभा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय व पीआईबी सोशल मीडिया टीम की ओर से लगतार फैक्ट चेक का काम किया जा रहा है और विभिन्न मीडिया मंचों पर दिखाई जा रही सामग्री व कंटेंट की लगातार निगरानी हो रही है, उनके बारे में सत्यता की जांच हो रही है।

सूत्रों के मुताबिक, 6-7 मई की दरम्यानी रात को पाकिस्तान स्थित आंतकी ठिकानों पर हुई सैन्य कार्रवाई के बाद से यह काम 24X7 मोड में हो रहा है। सूत्रों के मुताबिक, पीआईबी व मंत्रालय सीडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) के ऑफिस के साथ मिलकर काम कर रहा है। एक अहम सूत्र के मुताबिक, रक्षा संबंधी मामलों की समझ व अनुभव को देखते हुए हम उनके साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

कई एजेंसियां जुटीं
मंत्रालय की ओर से पीआईबी के तहत ईएमएमसी (इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर), फैक्ट चेक टीम व मंत्रालय की न्यू मीडिया विंग जैसे विभाग आपस में मिलकर इस काम को अंजाम दे रहे हैं। इनके अलावा, आकाशवाणी व दूरदर्शन जैसी सरकारी एजेंसियां भी इसमें लगी हैं। इस काम को अंजाम दे रहे एक आला अधिकारी का कहना था कि ईएमएमसी लगातार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व विभिन्न टीवी चैनलों पर दिखाए जा रहे समाचार, सामग्री व जानकारी पर नजर रखता है। वह किसी भी संवेदनशील, भ्रामक, अफवाह फैलाने वाली या देश की सुरक्षा व संप्रभुता के हितों के खिलाफ कंटेंट की जानकारी कंटोल रूम को देता है।

कंट्रोल रूम उस जानकारी को आगे बढ़ाता है। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई होती है मसलन कोई अडवाइजरी या निर्देश देना है या फिर भ्रामक जानकारी या दुष्प्रचार को कांडटर करना है। यह काम फैक्ट चेक टीम करती है। वह टेक्नोलॉजीकी मदद से या सरकार के विभिन्न मंत्रालयों या संबंधित विभागों से तथ्य की पुष्टि कर फैक्ट चेक करती है। इसी तरह से सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग की जा रही है।

सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती इन दिनों पाकिस्तान की ओर से रहे फेक प्रोपेगंडा या झूठे दुष्प्रचार को लेकर भी आ रही है। मंत्रालय इस पर लगातार काम कर रहा है। आला सूत्र के मुताबिक, पाकिस्तान के पास सोशल मीडिया पर लगातार फेक प्रोपेगंडा चलाने की एक मजबूत तंत्र है, जो लगातार भारत के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहा है। हमारी टीम उनके इस दुष्प्रचार को रियल टाइम काउंटर करने का काम कर रही है।

पीआईबी फैक्ट चेक के कुछ नमूने
भारत में हाल के दिनों में डर और अफवाह फैलाने के लिए पाकिस्तान के कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स और कुछ मुख्यधारा मीडिया चैनलों द्वारा एक सुनियोजित फर्जी सूचना अभियान चलाया गया है। इसका मकसद भारत की जनता में भ्रम और डर फैलाना है। पीआईबी की फैक्ट चेक यूनिट लगातार इन झूठी खबरों का पर्दाफाश कर रहा है। वहीं PIB जनता से अपील करता है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी खबर की सच्चाई जानने के लिए अधिकृत स्रोतों से जानकारी लें। PIB लगातार फर्जी खबरों के खिलाफ सच्चाई पेश कर राष्ट्रहित में काम करता रहेगा। 8 मई की रात 10 बजे से 9 मई सुबह 6:30 बजे तक कुल सात फर्जी वीडियो का सच सामने लाया गया है।

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