Covid Alert: Covid-19 वायरस आज भी एक चिंता का विषय बना हुआ है, क्योंकि यह लोगों की इम्यूनिटी को प्रभावित करता है और कई लोगों को कोरोना के बाद गंभीर बीमारियां भी हो जाती हैं। हालांकि भारत में अभी कोरोना मरीजों की संख्या बहुत कम है, लेकिन इस बीच एक रिसर्च सामने आई है, जो दिखाती है कि कोरोना के बाद लोगों को सुनने में दिक्कत (hearing loss) का सामना करना पड़ सकता है।
क्या कहती है रिसर्च
इस रिसर्च में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। दिल्ली के बाबा साहेब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, रोहिणी के ENT विभाग ने यह शोध किया है। इस अध्ययन में खुद यह बात सामने आई है कि कोरोना से ठीक हुए 80% लोगों में सुनने की क्षमता की समस्या देखी गई है। इसमें 40% लोगों में एक कान से सुनने की क्षमता कम पाई गई, जबकि 60% लोगों में दोनों कानों से सुनने की क्षमता प्रभावित होने की पुष्टि हुई। इस रिसर्च को वर्ल्ड वाइड जर्नल ऑफ मल्टीडिसिप्लिनरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट में भी प्रकाशित किया गया है, जो इसके महत्व को दर्शाता है।
विशेषज्ञों का क्या कहना है
अस्पताल के ENT विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पंकज कुमार ने बताया है कि कोरोना से ठीक होने के बाद ENT विभाग में सुनने की क्षमता खोने वाले मरीजों की संख्या अचानक बढ़ने लगी थी। इसलिए, उनकी टीम ने मिलकर एक रिसर्च प्लान बनाया, जिसमें 15 मरीजों को शामिल किया गया। इनमें 9 महिलाएं और 6 पुरुष थे। ये वे मरीज थे जिन्हें कोरोना हुआ था और उनकी रिपोर्ट्स भी दो बार नेगेटिव आ चुकी थीं। यह शोध इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करता है।
ये लोग हुए ज़्यादा प्रभावित
रिसर्च से पता चला है कि कोरोना के घातक प्रभाव 30 से 60 साल की उम्र के लोगों में ज़्यादा देखे गए, जिसकी वजह से उन लोगों की सुनने की क्षमता कम हो गई, जबकि कोरोना होने से पहले उन्हें सुनने में कोई दिक्कत नहीं थी। इसके अलावा, 30 साल से कम उम्र के लोगों में भी सुनने की समस्या देखी गई है। यह दर्शाता है कि वायरस का प्रभाव उम्र के बावजूद पड़ सकता है।
शोध में सामने आईं ये बातें और सुधार की उम्मीद
अध्ययन के अनुसार, 30 से 60 साल की उम्र के लोगों में सुनने की समस्या देखी गई, जिसमें:
- 26.6% लोगों को हल्की सुनने की समस्या थी।
- 43.3% लोगों को मामूली सुनने की दिक्कतें थीं।
- इस आयु वर्ग के 6.6% लोगों को मध्यम सुनने की समस्या थी।
- 3.3% लोगों को गंभीर श्रवण हानि हुई, जिससे दोनों कानों से सुनने में परेशानी हुई।
- कुल मिलाकर, 40% लोगों को एक कान में सुनने की समस्या थी, जबकि 60% लोगों को दोनों कानों से सुनने में दिक्कत थी। डॉ. पंकज ने बताया कि इस खतरे को देखते हुए उन्होंने मरीजों को कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (corticosteroids) की जगह मल्टीविटामिन टैबलेट्स या इंजेक्शन दिए, जिससे एक महीने में मरीजों की सुनने की क्षमता में सुधार होने लगा। यह एक सकारात्मक खोज है।
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अस्वीकरण (Disclaimer)यह जानकारी बाबा साहेब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, रोहिणी, दिल्ली द्वारा किए गए एक विशिष्ट शोध के निष्कर्षों पर आधारित है। वर्तमान में (जून 2025 तक) भारत में Covid-19 के मामलों में “प्रतिदिन बढ़ोतरी” या “4,000 के करीब पहुंचने” की कोई बड़ी या आधिकारिक चेतावनी नहीं है। Covid-19 के प्रभाव हर व्यक्ति पर अलग-अलग हो सकते हैं, और यह शोध एक सीमित समूह पर आधारित है। Covid-19 की नवीनतम स्थिति, स्वास्थ्य सलाह और उपचार के लिए कृपया स्वास्थ्य मंत्रालय, ICMR और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) जैसी आधिकारिक स्वास्थ्य संस्थाओं की जानकारी पर ही भरोसा करें।