देवउठनी एकादशी (Devuthani Ekadashi) के साथ ही 1 नवंबर से देश में शादियों का सीज़न शुरू हो जाएगा, जिसके चलते नवंबर 2025 में सोने और चांदी की कीमतों में तेजी (Surge) आने की उम्मीद है. हालांकि, आज यानी सोमवार को ग्लोबल मार्केट की अनिश्चितता के बीच भारतीय बाज़ार में सोने के दामों में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई.
बाज़ार के जानकारों के अनुसार, दिवाली और शादियों के सीज़न की मांग से कीमती धातुओं के रेट में जबरदस्त इजाफा हो सकता है.
1. सोने के वर्तमान दाम और ग्लोबल असर
MCX पर 24 कैरेट सोने का औसत दाम लगभग ₹1,23,000 प्रति 10 ग्राम रहा, जो पिछले हफ्ते की बढ़त के बाद मामूली साप्ताहिक गिरावट दिखाता है.
- प्रमुख शहरों में दाम: दिल्ली में सोने का रेट ₹1,22,380 प्रति 10 ग्राम, जबकि मुंबई में यह ₹1,24,480 रहा.
- गिरावट की वजह: सर्राफा कारोबारियों (Bullion Traders) के मुताबिक, सोने के दामों में आई यह मामूली कमी अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) की मीटिंग और कॉपर जैसे अन्य धातुओं की कीमतों में आई उछाल का नतीजा है.
2. चांदी की कीमतों में भी नरमी
सोने की तरह, चांदी के दाम भी आज हल्के नरम रहे.
- चांदी के रेट: सोमवार को भारत के अलग-अलग राज्यों में चांदी का औसत रेट ₹1,55,000 से ₹1,60,000 प्रति किलोग्राम के बीच रहा. नई दिल्ली में 10 ग्राम चांदी लगभग ₹1,550 में बिकी.
3. नवंबर में क्यों बढ़ सकते हैं सोने के दाम?
कारोबारियों का अनुमान है कि नवंबर में सोने के दाम ₹1,25,000 से ₹1,30,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुँच सकते हैं. इसकी मुख्य वजहें ये हैं:
- शादियों की मांग: देवउठनी एकादशी के बाद शुरू होने वाला शादियों का सीज़न सोने-चांदी की मांग को कई गुना बढ़ा देगा.
- वैश्विक तनाव: अगर भू-राजनीतिक तनाव (Geopolitical Tensions) बढ़ते हैं, तो निवेशक सोने को सुरक्षित निवेश मानकर इसमें पैसा लगाएंगे, जिससे कीमतें बढ़ेंगी.
- सेंट्रल बैंक की खरीदारी: दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा लगातार सोने की खरीदारी जारी रहने से भी इसके दाम बढ़ेंगे.
4. चांदी में भी आ सकती है ‘जबरदस्त’ तेजी
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अमेरिका में ब्याज दरें स्थिर रहती हैं, तो सोने और चांदी की कीमतों पर बड़ा असर नहीं पड़ेगा. हालांकि, नवंबर में चांदी का रेट ₹1,50,000 से ₹1,65,000 प्रति किलोग्राम के बीच रहने का अनुमान है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चांदी में औसतन $40 प्रति ग्राम की वार्षिक वृद्धि हो सकती है.
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5. ग्लोबल फैक्टर्स का असर
बाज़ार के जानकार बताते हैं कि सोने-चांदी के दाम वैश्विक आर्थिक संकेतकों (Global Economic Indicators), जैसे कि मुद्रास्फीति (Inflation) दर और डॉलर सूचकांक (Dollar Index) से प्रभावित होते हैं. बाज़ार की अस्थिरता और मांग-आपूर्ति का संतुलन ही कीमतों को तय करेगा.
क्या आप भी इस शादियों के सीज़न में सोने या चांदी में निवेश करने की सोच रहे हैं?

