नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस ने जबरन वसूली के एक मामले में एक IAS और एक IPS अफसर से पूछताछ की है। यह मामला 2022 में उत्तर पश्चिमी दिल्ली के मौर्य एन्क्लेव में हुआ था। दो जिम ट्रेनरों ने एक बुजुर्ग व्यक्ति और उनके परिवार को निशाना बनाया। उन्होंने आरोप लगाया कि परिवार के घर में एक अवैध बोरवेल है। इसके आधार पर उन्होंने पैसे मांगे। परिवार ने स्थानीय पुलिस और PCR को फोन किया। दोनों आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं। उन्होंने अफसरों को फोन करके मदद मांगी। आरोप है कि इलाके के SHO को उन्हें छोड़ने के लिए कहा गया था।
आईएएस और आईपीएस की हुई पूछताछ
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एक IAS और एक IPS अफसर से पूछताछ की है। यह पूछताछ जनवरी के मध्य में हुई। पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी है। पुलिस ने मामले में अपनी पहली चार्जशीट भी दायर कर दी है। हालांकि, पुलिस ने इस मामले को संवेदनशील बताते हुए ज्यादा जानकारी नहीं दी। पूछताछ के दौरान दोनों अफसरों ने आरोपियों से अपनी जान-पहचान और फोन पर बातचीत की बात स्वीकार की। लेकिन उन्होंने मामले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया।
चार्जशीट में क्या?
चार्जशीट के अनुसार, दोनों आरोपियों ने खुद को एसडीएम कार्यालय और संयुक्त पुलिस आयुक्त कार्यालय का अधिकारी बताकर शिकायतकर्ता से पैसे ऐंठने की कोशिश की। चार्जशीट में कहा गया है, ‘अब तक की गई जांच से पता चला है कि आरोपी ने आईएएस और आईपीएस अधिकारी से अपनी जान-पहचान का गलत इस्तेमाल किया। दोनों आरोपियों ने मिलकर सरकारी अधिकारी बनकर लोगों से पैसे ऐंठने की कोशिश की। आईपीसी की धारा 170, 385, 509 और 34 के तहत दोनों आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। इसलिए, उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है।’
सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर कर सकती है पुलिस
पुलिस मामले की जांच अभी भी कर रही है। पुलिस एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर कर सकती है। इसमें मामले में की गई जांच रिपोर्ट को शामिल किया जाएगा। एसडीएम को भी मामले में गवाह बनाया गया है। उन्होंने गवाही दी है कि आरोपी उनके कार्यालय से नहीं थे। यह मामला दिल्ली पुलिस के लिए एक चुनौती है। देखना होगा कि आगे की जांच में क्या सामने आता है। क्या IAS और IPS अफसरों की भूमिका सामने आएगी? यह एक बड़ा सवाल है। इस मामले से आम जनता का पुलिस और प्रशासन पर से विश्वास उठ सकता है। इसलिए, इस मामले की निष्पक्ष जांच जरूरी है।