इस्लामाबाद
पाकिस्तान में आतंकी संगठनों को ध्वस्त करने के लिए चलाए गये भारत के ऑपरेशन सिंदूर पर बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। भारतीय वायुसेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ ऑपरेशंस एयर मार्शल ए.के. भारती ने रविवार शाम को एक स्पेशल ब्रीफिंग में बताया कि वायुसेना ने पाकिस्तान के कराची में स्थित ठिकानों पर भी हमले किए है। एयर मार्शल भारती ने कहा कि पाकिस्तान की आक्रामकता, यानी ड्रोन और मिसाइल हमले को काउंटर करते हुए भारत की “नपी-तुली और संतुलित” प्रतिक्रिया के तहत पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया था, जिसमें कराची के मलीर कैंटोनमेंट में सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल साइट भी शामिल थी। मलीर कैंट कराची शहर से लगभग 35 किमी दूर एक सैन्य अड्डा है।
यानि, कराची में हमले को लेकर पहले जो रिपोर्ट आई थी, उसमें कहा गया था कि कराची में हमला किया गया है, वो खबर बिल्कुल सही है। यानि भारतीय वायुसेना ने कराची के मलीर कैंट में एक हवाई रक्षा स्थल पर भी हमला किया। लिहाजा भारत का यह अभियान और भी बड़ा होता जा रहा है और इसमें और भी खुलासे होते जा रहे हैं।
कराची के मलीर कैंट एयर डिफेंस साइट पर भी हमला
अधिकारियों ने बताया कि वायुसेना ने लाहौर में एक रडार साइट (संभवतः चीन निर्मित एचक्यू-9 को इजरायल निर्मित हार्पी ड्रोन द्वारा नष्ट किया गया) और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गुजरांवाला के निकट एक अन्य साइट को भी निशाना बनाया। भारतीय वायुसेना ने कराची के नजदीक पाक सैन्य प्रतिष्ठानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाए जाने की खबर रविवार को ऑपरेशन सिंदूर में नौसेना की भूमिका की पुष्टि के बाद आई है, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की सैन्य प्रतिक्रिया थी, जिसे उसने पाक के गहरे राज्य से जोड़ा था।
आपको बता दें कि कराची शाहर, जो पाकिस्तान का एक प्रमुख सैन्य और आवासीय क्षेत्र है, वो 1941 में ब्रिटिश राज के दौरान एक युद्धबंदी शिविर के रूप में स्थापित किया गया था। 1947 में भारत के विभाजन के बाद, इसे पाकिस्तानी सेना ने अपने नियंत्रण में ले लिया और इसे एक आधुनिक सैन्य अड्डे और उच्च-स्तरीय आवासीय क्षेत्र में बदल दिया। मलीर कैंट पाकिस्तान के दक्षिणी क्षेत्र में एक प्रमुख सैन्य केंद्र है, जहां कई महत्वपूर्ण सैन्य संस्थान स्थित हैं। विकीपीडिया के मुताबिक यह पाकिस्तान वायु सेना का एक गैर-उड़ान आधार है, जो तकनीकी प्रशिक्षण और वायु रक्षा तैयारियों के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा यह पाकिस्तान सेना के ऑर्डनेंस कोर का मुख्यालय है, जो हथियारों, गोला-बारूद और सैन्य उपकरणों की आपूर्ति और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है।