नई दिल्ली ।
संसद के शीतकालीन सत्र के आठवें दिन लोकसभा में चुनाव सुधारों को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सदन में कहा कि चुनाव आयोग को एसआईएफआर (स्टेटमेंट ऑफ इलेक्शन फाइनेंशियल रिपोर्टिंग) का पूरा अधिकार मिलना चाहिए ताकि चुनाव प्रक्रिया और वित्तीय पारदर्शिता और मजबूत हो सके। सरकार की दलील: चुनाव आयोग को मजबूत बनाना जरूरी रविशंकर प्रसाद ने कहा कि चुनाव आयोग भारतीय लोकतंत्र की रीढ़ है।
उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सशक्त आयोग आवश्यक है एसआईएफआर के अधिकार मिलने से चुनावी खर्च और फंडिंग पर कड़ा नियंत्रण संभव होगा फर्जी खर्च, काली कमाई और अवैध फंडिंग पर रोक लगेगी उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वह चुनाव सुधारों का विरोध केवल राजनीतिक लाभ के लिए कर रहा है। विपक्ष का पलटवार—ज्यूडिशियरी को बाईपास करने का प्रयास विपक्षी दलों ने सरकार के प्रस्ताव पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
उनका कहना था कि हर महत्वपूर्ण फैसले पर ज्यूडिशियरी की निगरानी ज़रूरी है एक स्वतंत्र निकाय को अत्यधिक अधिकार देना लोकतंत्र के लिए खतरा हो सकता है सरकार संस्थाओं पर नियंत्रण बढ़ाने की कोशिश कर रही है विपक्ष नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार चुनाव आयोग का उपयोग चुनावों को प्रभावित करने के लिए कर सकती है।
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संसद के बाहर टीएमसी सांसदों का प्रदर्शन सत्र के दौरान संसद भवन के बाहर टीएमसी सांसदों ने पोस्टर लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि सरकार संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है विपक्षी नेताओं की आवाज दबाने की कोशिश हो रही है चुनाव सुधारों के नाम पर चुनाव आयोग की स्वतंत्रता प्रभावित हो सकती है विरोध के दौरान सांसदों ने “लोकतंत्र बचाएँ” के नारे लगाए।
