नई दिल्ली।
संसद के शीतकालीन सत्र के समापन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं से अनौपचारिक मुलाकात की। यह मुलाकात संसद भवन परिसर में चाय पर चर्चा के रूप में हुई, जिसमें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तथा कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद रहीं।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और विपक्षी नेताओं के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत हुई। चर्चा के दौरान संसद की कार्यवाही, लोकतांत्रिक परंपराओं, आपसी संवाद और सहयोग जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक को राजनीतिक शिष्टाचार और संवाद की सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, इस अनौपचारिक बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों का सहयोग आवश्यक है। वहीं विपक्षी नेताओं ने भी संसदीय कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने तथा सदन को अधिक प्रभावी ढंग से चलाने पर अपने विचार रखे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस अवसर पर कहा कि संसद देश की सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था है और सभी दलों को मिलकर इसकी गरिमा बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने सदन की कार्यवाही को सुचारु रूप से संचालित करने में सभी दलों के सहयोग की सराहना की।
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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि संसद सत्र के बाद इस प्रकार की अनौपचारिक बैठकें राजनीतिक मतभेदों के बावजूद संवाद और सहमति की संस्कृति को बढ़ावा देती हैं। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब संसद में विभिन्न मुद्दों पर तीखी बहस देखने को मिली थी। चाय पर हुई इस चर्चा को सत्ता और विपक्ष के बीच संवाद के सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जो आने वाले समय में संसदीय सहयोग को मजबूती प्रदान कर सकती है।
