पहलगाम हमला…भारत का रुख बदला, पाकिस्तान के खिलाफ किशनगंगा विवाद में लिया ये बड़ा फैसला

नई दिल्ली

भारत किशनगंगा-रैटल विवाद को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रहा है। भारत, वर्ल्ड बैंक के नियुक्त किए गए न्यूट्रल एक्सपर्ट से कार्यवाही रोकने को कहेगा। यह विवाद सिंधु जल संधि (IWT) के तहत चल रहा है। भारत का कहना है कि अब हालात बदल गए हैं। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने यह फैसला लिया है। भारत अब सिंधु जल संधि को ‘स्थगित’ करने की बात कर रहा है। इसलिए, भारत चाहता है कि न्यूट्रल एक्सपर्ट की कार्यवाही भी रोक दी जाए।

Trulli

इस मामले में भारत, पाकिस्तान और वर्ल्ड बैंक के न्यूट्रल एक्सपर्ट माइकल लीनो के बीच एक ‘वर्क प्रोग्राम’ तय हुआ था। भारत अब चाहता है कि सिंधु जल संधि के तहत विवाद सुलझाने की प्रक्रिया को रोक दिया जाए। इस वर्क प्रोग्राम के अनुसार, पाकिस्तान को 7 अगस्त तक अपना ‘काउंटर मेमोरियल’ जमा करना था। न्यूट्रल एक्सपर्ट की चौथी मीटिंग 17 से 22 नवंबर के बीच होनी थी।

न्यूट्रल एक्सपर्ट क्या करते हैं
यह मीटिंग बहुत महत्वपूर्ण होती। इसमें भारत अपना मेमोरियल पेश करता और पाकिस्तान अपना काउंटर मेमोरियल। न्यूट्रल एक्सपर्ट दोनों पक्षों से सवाल पूछते। इसके बाद, दिसंबर में भारत में दूसरी साइट विजिट की तैयारी होती। जनवरी और जून 2026 में भारत जवाब देता और पाकिस्तान अपनी बात रखता। जुलाई 2026 में न्यूट्रल एक्सपर्ट की पांचवीं मीटिंग हो सकती थी। लेकिन, भारत अब इन सभी कार्यवाहियों को रोकना चाहता है। कानूनी सलाह के बाद, भारत जल्द ही न्यूट्रल एक्सपर्ट को इस बारे में लिखेगा। यह भी जानकारी मिली है कि भारत वर्ल्ड बैंक को भी इस बारे में बताएगा।

इकोनॉमिक टाइम्स ने 25 अप्रैल को खबर दी थी कि सरकार न्यूट्रल एक्सपर्ट की अगुवाई में चल रही विवाद समाधान प्रक्रिया से बाहर निकलने पर कानूनी सलाह ले रही है। भारत अब तक इस प्रक्रिया में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा था। किशांगंगा-रातले प्रोजेक्ट्स के लिए न्यूट्रल एक्सपर्ट की विवाद समाधान प्रक्रिया 2023 में शुरू हुई थी। वियना में तीन हाई-लेवल मीटिंग हो चुकी हैं। काफी डेटा और डॉक्यूमेंट्स शेयर किए गए हैं। जून 2024 में भारत में दोनों प्रोजेक्ट एरिया का साइट विजिट भी हुआ था।

हमारे व्हाट्सप्प ग्रुप से जुड़े 👉👉

Join Now

Latest Stories