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Friday, July 4, 2025
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‘आयुष्मान भारत लागू होने से हमारी योजना डाउन ग्रेड होगी…’, HC में हलफनामा देकर दिल्ली सरकार ने किया विरोध

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नई दिल्ली,

दिल्ली चुनाव के बीच केंद्र की आयुष्मान भारत योजना फिर चर्चा में है. दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने एक बार फिर आयुष्मान योजना का विरोध किया है और हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. AAP सरकार का तर्क है की दिल्ली आरोग्य कोष (DAK) योजना व्यापक प्रभाव के साथ आयुष्मान भारत योजना से कहीं ज्यादा प्रभावी और व्यापक है. दिल्ली के सभी भाजपा सांसदों ने एक जनहित याचिका दायर करके हाई कोर्ट से AAP सरकार को केंद्र की योजना को लागू करने का निर्देश देने की मांग की है.

इसके जवाब में AAP सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक हलफनामा दायर करके कहा है कि आयुष्मान भारत योजना को लागू करना पहले से मौजूद दिल्ली आरोग्य कोष योजना को डाउनग्रेड करने जैसा होगा. दिल्ली सरकार का कहना है कि केंद्र की योजना से शहर की सिर्फ कुछ प्रतिशत आबादी को लाभ होगा. आम आदमी पार्टी की सरकार का यह जवाब तब आया है जब उच्च न्यायालय ने पिछले महीने दिल्ली सरकार और केंद्र के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को राष्ट्रीय राजधानी में आयुष्मान भारत योजना को लागू करने के लिए 5 जनवरी तक एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा था.

अदालत ने कहा था कि जब 33 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश पहले ही इस योजना को लागू कर चुके हैं, तो दिल्ली में इसे लागू न करना अनुचित होगा. दिल्ली सरकार ने कहा है कि PM-JAY योजना से शहर की केवल 12-15% आबादी को लाभ होगा, जिससे इसका प्रभाव सीमित हो जाएगा. इसके विपरीत, इसके द्वारा प्रस्तावित DAK योजना का व्यापक और अधिक दूरगामी प्रभाव है. सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि दिल्ली आरोग्य कोष योजना को पारदर्शी तरीके से पेश किया गया था. यह योजना दिल्ली के नागरिकों को राष्ट्रीय राजधानी के किसी भी सूचीबद्ध निजी अस्पताल में मुफ्त इलाज प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है.

दिल्ली की AAP सरकार ने हाई कोर्ट में दावा किया कि वह अपने नागरिकों को बेहतर हेल्थ सर्विस पॉलिसी और अच्छे गवर्नमेंट हॉस्पिटल का नेटवर्क प्रदान करती है. AAP सरकार ने अपने जवाब में बताया कि दिल्ली के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले 30% से अधिक मरीज पड़ोसी राज्यों से हैं, जो भाजपा द्वारा शासित हैं जिससे याचिकाकर्ता संबंधित हैं. जनहित याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली की AAP सरकार ने कहा, ‘पड़ोसी राज्यों द्वारा पीएम-जेएवाई योजना को अपनाने के बावजूद, डेटा से पता चलता है कि इन स्थानों से इलाज के लिए बड़ी संख्या में मरीज दिल्ली आ रहे हैं. क्योंकि दिल्ली के अस्पतालों में दिया जा रहा उपचार अन्य राज्यों में आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों को मिल रहे इलाज की तुलना में कहीं बेहतर है.’

दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय से भाजपा सांसदों की जनहित याचिका को राजनीति से प्रेरित बताते हुए इसे खारिज करने का आग्रह किया है. AAP सरकार ने कहा है कि उपरोक्त याचिका दिल्ली में प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के नेताओं की ओर से दायर की गई है, जो पिछले विधानसभा चुनाव में सिर्फ 10% सीटें जीतने के बावजूद अपनी इच्छाओं को दिल्ली पर थोपने की कोशिश कर रही है. दिल्ली सरकार ने कहा है कि स्वास्थ्य, स्वच्छता, अस्पताल, आदि उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाले मुद्दे हैं और इनसे संबंधित कानून और नीतियां बनाने का अधिकार और जिम्मेदार उसकी है.

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