नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा चुनावों में किस पार्टी ने कितना खर्च किया? इसका पूरा हिसाब-किताब सामने आ गया है। 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में BJP सबसे ज्यादा पैसे खर्च करने वाली पार्टी बनी। उसने कुल 57 करोड़ रुपये खर्च किए। BJP ने 27 साल बाद दिल्ली में वापसी की है। विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा था। अरविंद केजरीवाल भी अपनी सीट भी हार गए थे। लोगों ने AAP सरकार के वादों पर भरोसा नहीं किया, इसलिए उन्होंने BJP को चुना। उधर कांग्रेस पार्टी ने भी इस बार चुनावों में खूब पैसे खर्च किए और BJP के करीब पहुंच गई।
BJP ने मेटा प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन विज्ञापन में भी सबसे ज्यादा पैसे खर्च किए। आंकड़ों के अनुसार, BJP ने प्रचार और अपने उम्मीदवारों पर खूब पैसे खर्च किए। कांग्रेस ने भी प्रचार पर ज्यादा ध्यान दिया। BJP ने ऑनलाइन विज्ञापन में भी बाजी मारी। AAP ने सबसे कम पैसे खर्च किए। उन्होंने कुल 14.51 करोड़ रुपये खर्च किए। इसमें से 12.12 करोड़ रुपये पार्टी के प्रचार पर और 2.39 करोड़ रुपये उम्मीदवारों पर खर्च किए गए। 2020 में AAP ने 21.6 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
ADR के अनुसार, BJP के जीतने वाले उम्मीदवारों ने AAP के उम्मीदवारों से ज्यादा पैसे खर्च किए। वहीं कांग्रेस ने 46.18 करोड़ रुपये खर्च किए, जो 2020 में 27.67 करोड़ रुपये थे। BJP ने 2020 के चुनावों में 41.06 करोड़ रुपये खर्च किए थे। चुनाव आयोग को दिए आंकड़ों के अनुसार, BJP ने प्रचार पर 39.14 करोड़ रुपये खर्च किए, उसने अपने उम्मीदवारों पर 18.5 करोड़ रुपये खर्च किए। कांग्रेस ने पार्टी के प्रचार पर ज्यादा ध्यान दिया और 40.13 करोड़ रुपये खर्च किए। कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों पर सिर्फ 6.05 करोड़ रुपये खर्च किए।
ऑनलाइन विज्ञापन में भी बीजेपी टॉप
BJP ने ऑनलाइन विज्ञापन में भी बाजी मारी। मेटा प्लेटफॉर्म पर BJP ने 4.15 करोड़ रुपये खर्च किए। AAP ने 1.38 करोड़ रुपये और कांग्रेस ने 66.62 लाख रुपये खर्च किए। BJP के दिल्ली यूनिट ने पार्टी के मेटा विज्ञापन खर्च का 91.8% हिस्सा दिया। AAP के आधिकारिक हैंडल ने 63.3% और कांग्रेस के दिल्ली यूनिट ने 88.7% योगदान दिया।
27 साल बाद दिल्ली में वापसी
BJP ने 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत हासिल की। 27 साल बाद BJP दिल्ली की सत्ता में लौटी। BJP ने 70 में से 48 सीटें जीतीं। 2020 में BJP को सिर्फ 8 सीटें मिली थीं। BJP का वोट शेयर 7.1% बढ़ा। 1993 के बाद पहली बार BJP ने AAP के गढ़ों में भी जीत हासिल की- जैसे मंगोलपुरी और जंगपुरा सीट। AAP को बड़ा नुकसान हुआ। आम आदमी पार्टी 2015 से दिल्ली में सरकार चला रही थी, लेकिन इस बार उसे सिर्फ 22 सीटें मिलीं। AAP का वोट शेयर 10% गिर गया।