थरूर को मोदी सरकार देने जा रही अहम जिम्मेदारी…विदेशों में पाकिस्तान की खोलेंगे पोल

नई दिल्ली

कांग्रेस के सांसद शशि थरूर के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर दिए गए बयान से पार्टी के कुछ नेता नाराज़ थे। उन्हें लगा कि थरूर ने ‘लक्ष्मण रेखा’ पार कर दी है। लेकिन अब खबर है कि पाकिस्तान की सरजमीं से संचालित आतंकवाद के खिलाफ वह दुनियाभर में भारत की राय रखेंगे। थरूर को पाकिस्तान से संचालित आतंकवाद के खिलाफ दुनिया भर में भारत की तरफ से एक बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। सूत्रों के अनुसार, उन्हें इस मामले में भारत का पक्ष रखने के लिए एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है।

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पाकिस्तान से आतंकवाद कैसे फैलता, थरूर बताएंगे
भारत सरकार दुनिया को बताना चाहती है कि पाकिस्तान से आतंकवाद कैसे फैलता है। इसके लिए सरकार एक खास योजना बना रही है। शशि थरूर, जो भारत में विदेश मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष भी हैं, इस काम में आगे रह सकते हैं। न्यूज 18 ने सूत्रों के हवाले से बताया कि वह विभिन्न देशों का दौरा करने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर सकते हैं। इस प्रतिनिधिमंडल में अलग-अलग पार्टियों के सदस्य होंगे।

शशि थरूर के करीबियों ने बताया कि केंद्र सरकार ने उनसे इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए संपर्क किया है। सूत्रों ने बताया, “सरकार चाहती है कि थरूर खासकर अमेरिका में प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करें। क्योंकि वह विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं।” हालांकि, शशि थरूर ने सरकार से पहले कांग्रेस पार्टी से बात करने को कहा है।

प्रतिनिधिमंडल में कई सांसद होंगे शामिल
इस योजना के तहत कई प्रतिनिधिमंडल बनाए जाएंगे। हर प्रतिनिधिमंडल में पांच से छह सांसद होंगे। उनके साथ विदेश मंत्रालय (MEA) का एक प्रतिनिधि और सरकार का एक और अधिकारी भी होगा। सांसदों को कहा गया है कि वे अपने पासपोर्ट और यात्रा दस्तावेज तैयार रखें। MEA यात्रा से जुड़ी सभी व्यवस्थाएं करेगा। सूत्रों ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल 22 मई के आसपास भारत से रवाना होगा और जून के पहले हफ्ते में वापस आएगा। कुछ सांसद भी इन प्रतिनिधिमंडलों में शामिल हो सकते हैं। इनमें समिक भट्टाचार्य, अनुराग ठाकुर, मनीष तिवारी, अमर सिंह, प्रियंका चतुर्वेदी, सस्मित पात्रा, सुप्रिया सुले, श्रीकांत शिंदे और डी पुरंदेश्वरी के नाम शामिल हैं।

ऑपरेशन सिंदूर पर शशि थरूर की सफाई
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर शशि थरूर के समर्थन के बाद कांग्रेस पार्टी में कुछ लोग उनसे नाराज़ थे। इसके बाद थरूर ने अपनी बात साफ की। उन्होंने कहा कि उन्होंने जो कुछ भी कहा, वह एक भारतीय नागरिक के तौर पर उनकी निजी राय थी, न कि पार्टी का आधिकारिक रुख। थरूर ने कहा, “इस समय, संघर्ष के समय, मैंने एक भारतीय के रूप में बात की। मैंने कभी भी किसी और के लिए बोलने का दिखावा नहीं किया। मैं पार्टी का प्रवक्ता नहीं हूं। मैं सरकार का प्रवक्ता नहीं हूं। मैंने जो कुछ भी कहा है, आप उससे सहमत हो सकते हैं या असहमत हो सकते हैं, इसके लिए मुझे व्यक्तिगत रूप से दोषी ठहरा सकते हैं, और यह ठीक है।”

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