नई दिल्ली,
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद इंडियन आर्मी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया था. इस ऑपरेशन की सफलता को लेकर एक तरफ जहां सरकार देश-विदेश में अभियान चला रही है. वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इससे जुड़े कुछ सवाल उठाए थे. अब इस मसले पर नया विवाद खड़ा हो गया है.
बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर एक कार्टून शेयर करते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा. इसके साथ ही अमित मालवीय ने निशान-ए-पाकिस्तान -अवार्ड का भी नाम लिया. अब कांग्रेस की तरफ से पलटवार हुआ है.
‘निशान-ए-पाकिस्तान के हकदार लाल कृष्ण आडवाणी…’
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, “सत्ता दल गंभीर माहौल में कार्टूनगिरी कर रही है, विपक्ष तो सत्ता दल के साथ खड़ा था लेकिन बीजेपी हमेशा वाहियात हरकत करती है. हमें सेना पर भरोसा है लेकिन राष्ट्रीय नेतृत्व पर भरोसा नहीं है. 4 आतंकी जिन्होंने पहलगाम में मासूम लोगों को मारा था, वो तो भाग गए, उनका क्या हुआ? निशान-ए-पाकिस्तान तो उसको मिलना चिहाए, जो नवाज शरीफ की बिरयानी खाकर आए थे.”
पवन खेड़ा ने कहा, “हम इस देश के राजनीतिक नेतृत्व से पूछना चाहते हैं कि आपने पाकिस्तान को पहले से बताया, क्या यही कारण है कि अजहर मसूद और हाफिज सईद बच पाए? जहां तक निशान-ए-पाकिस्तान का सवाल है, उनके नेता मोरारजी देसाई एकमात्र भारतीय राजनेता थे, जिन्हें यह सम्मान दिया गया था. कुछ और लोग भी निशान-ए-पाकिस्तान के हकदार हैं, जैसे लाल कृष्ण आडवाणी और वह व्यक्ति भी जो बिन बुलाए नवाज शरीफ के साथ बिरयानी खाने चला गया.”
उन्होंने आगे कहा कि हमें लगता है कि उसे निशान-ए-पाकिस्तान मिलेगा. एक और व्यक्ति है, जो निशा-ए-पाकिस्तान का हकदार है, जिसने ‘कार्रवाई की शुरुआत में’ कहा था. ये विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के शब्द हैं, जिन्होंने पाकिस्तान को बताया था कि हम केवल आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई कर रहे हैं. अमेरिका के साथ उनके बहुत करीबी संबंध हैं. अब देखते हैं कि उन्हें किस देश से क्या सम्मान मिलता है.”
अमित मालवीय ने क्या कहा था?
अमित मालवीय ने कहा, “यह चौंकाने वाला नहीं है कि राहुल गांधी पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को लेकर प्रधानमंत्री को बधाई भी नहीं दी. इसके बजाय वह बार-बार पूछ रहे हैं कि हमने कितने एयरक्राफ्ट गंवा दिए जबकि इस सवाल का जवाब डीजीएमओ की ब्रीफिंग में पहले से दिया जा चुका है.”
अमित मालवीय ने कहा कि राहुल ने एक बार भी ये जानने की कोशिश नहीं की कि इस संघर्ष के दौरान पाकिस्तान के कितने जेट मार गिराए गए या फिर कितनों को नष्ट किया गया. राहुल गांधी को आगे क्या मिलेगा? निशान-ए-पाकिस्तान?
क्या है पूरा मामला?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विदेश मंत्री जयशंकर से सवाल करते हुए कहा था, “विदेश मंत्री जयशंकर चुप है. उनकी यह चुप्पी बहुत कुछ कह रही है. ये निंदनीय है. इसलिए मैं दोबारा पूछूंगा कि पाकिस्तान को हमले का पता होने की वजह से हमने कितने एयरक्राफ्ट खो दिए? यह सिर्फ चूक नहीं थी. यह अपराध था और देश को सच्चाई जानने का हक है.”
इससे पहले भी राहुल गांधी ने जयशंकर पर निशाना साधते हुए कहा था कि हमला करने से पहले पाकिस्तान को बताना एक अपराध है. विदेश मंत्री ने सार्वजनिक तौर पर इसे स्वीकार किया है. इसकी मंजूरी किसने दी? हमने कितने एयरक्राफ्ट खोए?
सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या बताया गया था?
11 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एयर मार्शल एके भारती ने कहा था कि हम युद्ध की स्थिति में है और नुकसान इसका एक हिस्सा है. सवाल ये है कि क्या हमने अपना मकसद हासिल कर लिया है? इसक जवाब है हां. उन्होंने कहा कि इससे जुड़ी डिटेल पर वह फिलहाल टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि हम अभी भी युद्ध की स्थिति में है और ऐसी कोई भी जानकारी दुश्मनों के हाथ लगाना सही नहीं है. एयर मार्शल ने कहा कि भारत के सभी पायलट सुरक्षित लौट आए हैं.