भोपाल ।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को खजुराहो के महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में बुंदेलखंड क्षेत्र के औद्योगिक, स्वास्थ्य, सड़क एवं वन्यजीव संरक्षण से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में विशेष रूप से बुंदेलखंड के समग्र विकास पर फोकस रहा। मसवासी ग्रंट औद्योगिक क्षेत्र को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने सागर जिले में ‘मसवासी ग्रंट औद्योगिक क्षेत्र’ की स्थापना को स्वीकृति प्रदान की। विशेष पैकेज के तहत भूमि प्रीमियम और भू-भाटक की दर एक रुपये प्रति वर्गमीटर तय की गई।
विकास शुल्क 20 वार्षिक किश्तों में जमा करने की सुविधा दी गई है। इस पैकेज से 24,240 करोड़ रुपये के निवेश और 29,000 से अधिक रोजगार सृजित होने का अनुमान है। स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क पर 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति तथा उत्पादन शुरू होने के बाद 5 वर्ष तक विद्युत शुल्क में छूट भी प्रदान की जाएगी। यह पैकेज पांच वर्ष तक प्रभावी रहेगा।
सागर–दमोह फोरलेन सड़क को 2,059 करोड़ की मंजूरी सागर–दमोह के बीच 76.68 किमी फोरलेन सड़क निर्माण के लिए 2,059.85 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। परियोजना हाइब्रिड एन्युटी मॉडल के तहत बनाई जाएगी। सड़क पर 13 अंडरपास, 3 बड़े पुल, 9 मध्यम पुल, 1 आरओबी और 55 जंक्शन बनेंगे। भूमि अर्जन के लिए 323.41 करोड़ रुपये अलग से स्वीकृत किए गए। तीन मेडिकल कॉलेजों के लिए 1,605 पद मंजूर दमोह, छतरपुर और बुधनी मेडिकल कॉलेजों के संचालन के लिए 990 नियमित और 615 आउटसोर्स पदों का सृजन स्वीकृत किया गया। प्रत्येक कॉलेज में 330 नियमित और 205 आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्ति होगी।
नौरादेही में चीतों के लिए नया आवास वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व, नौरादेही को चीतों के तीसरे रहवास के रूप में विकसित करने को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। 165 करोड़ की झापन नाला सिंचाई परियोजना मंजूर दमोह जिले के तेंदूखेड़ा में झापन नाला मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 165 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृति दी गई।
स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार प्रदेश के 11 जिलों में 12 स्वास्थ्य संस्थाओं के उन्नयन और 348 नए पदों की मंजूरी कैबिनेट ने प्रदान की अग्निशमन सेवाओं के आधुनिकीकरण पर 397 करोड़ स्वीकृत प्रदेश में अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए 397.54 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई। 600 युवाओं को जापान–जर्मनी में रोजगार का अवसर पिछड़ा वर्ग के 600 युवाओं को दो वर्षों में रोजगार के लिए जापान और जर्मनी भेजने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी।
