बोकारो
झारखंड में बोकारो विधानसभा सीट को लेकर इस बार सियासत तेज हो गई है। एक ओर जहां बोकारो के बीजेपी विधायक विरंची नारायण हैट्रिक लगाने के लिए चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन पार्टी के अंदर ही एक गुट उनके खिलाफ सक्रिय है। दूसरी ओर झारखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी बोकारो सीट से चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं। क्षेत्र के कई पार्टी नेता-कार्यकर्ता चाहते हैं कि वो इस बार चुनाव मैदान में जरूर उतरें।
राजेश ठाकुर के चुनाव मैदान में उतरने की चर्चा से सरगर्मी बढ़ी
राजेश ठाकुर के मैदान में उतरने से ही से कई सियासी समीकरण में बदलाव आने की संभावना है। अगस्त महीने तक राजेश ठाकुर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में पार्टी के प्रदर्शन में सुधार आया और इंडिया गठबंधन की स्थिति भी राज्य में पहले से थोड़ी मजबूत हुई, हालांकि उतनी अधिक सफलता नहीं मिली। इस बीच राजेश ठाकुर की जगह कांग्रेस की ओर से केशव महतो कमलेश को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। इस कारण अब राजेश ठाकुर के पास आगामी चुनाव में अपने बोकारो विधानसभा क्षेत्र में ध्यान केंद्रित करने का मौका मिल गया है। वे पिछले कुछ दिनों से लगातार क्षेत्र का दौरा भी कर रहे हैं। वहीं राजेश ठाकुर के मैदान में उतरने की चर्चा से बीजेपी नेताओं की चिंता भी बढ़ गई है। बीजेपी नेताओं को यह मालूम है कि राजेश ठाकुर की मीडिया में अच्छी पकड़ है और इसके माध्यम से वो चुनाव में अपने पक्ष में माहौल बनाने में सफल हो सकते हैं।
बोकारो से सबसे अधिक 24 आवेदन, श्वेता और उमेश भी शामिल
बोकारो विधानसभा सीट से कांग्रेस के 24 नेताओं की ओर से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई गई। हालांकि इसमें राजेश ठाकुर का नाम नहीं है। लेकिन वर्ष 2019 में करीब 99000 वोट लाने वाली श्वेता सिंह और जिला अध्यक्ष उमेश प्रसाद गुप्ता का नाम शामिल है। इसके अलावा कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष मंजूर अंसारी, 20 सूत्री अध्यक्ष देबाशीष मंडल भी चुनाव लड़ने को इच्छुक है।
बेरमो विधायक अनूप सिंह के छोटे भाई गौरव का भी दावा
बेरमो विधायक कुमार जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह के छोटे भाई कुमार गौरव की ओर से भी बोकारो से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई गई है। इसके अलावा मनोज सिंह, राकेश महतो, घनश्याम नारायण, भरत किशोर रावत, रफीक अंसारी, जितंेद्र यादव, मृत्युंजय शर्मा, संजय सिंह, जवाहरलाल महथा और देव शर्मा भी दौड़ में शामिल है।
बिरंची नारायण को पार्टी के अंदर ही मिल रही चुनौती
बोकारो के बीजेपी विधायक बिरंची नारायण वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव में तीसरी बार चुनाव मैदान में उतरने के लिए तैयार है। लेकिन बोकारो शहरी क्षेत्र में बीजेपी समर्थकों की अच्छी संख्या को देखते हुए पार्टी के कई नेता भी चुनाव मैदान में उतरना चाहते हैं। यही कारण है कि पिछले दिनों बोकारो में रायशुमारी की प्रक्रिया के दौरान विधायक बिरंची नारायण और विरोधियों के बीच झड़प भी हो गई। बताया गया है कि कथित अनियमितता और अपने नाम को मतदाता सूची से हटाए जाने पर रोष व्यक्त करते हुए बोकारो बीजेपी के नेता भैया आरएन ओझा ने हंगामा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनका नाम जानबूझकर सूची से हटा दिया गया, क्योंकि उन्होंने मौजूदा विधायक का समर्थन नहीं किया था।
ग्रामीणों की नाराजगी का भी विधायक को करना पड़ रहा सामना
दूसरी तरफ बिरंची नारायण को अपने क्षेत्र के वोटों के भारी नाराजगी का भी सामना करना पड़ रहा है। कुछ महीने के पहले वो चास प्रखंड के सोनाबाद गांव में एक स्कूल भवन शिलान्यास करने गए, जहां ग्रामीणों ने उन्हें खदेड़ दिया। बीजेपी विधायक वहां से बिना शिलान्यास किए ही बैरंग लौट गए। विरोध का हाल ये था कि विधायक के सामने ही ही ग्रामीणों ने उनका पुतला भी जला दिया था। ग्रामीणों का कहना था कि विधायक पिछले चार साल से गांव का हाल जानने नहीं आए, अब जब इसी साल चुनाव होना है तो विधायक गांव का दौरा कर रहे हैं, स्कूल का शिलान्यास कर रहे हैं।