MP Solar Village Project: मध्य प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा पर ख़ास ध्यान दे रही है. इसी कड़ी में राजधानी भोपाल ज़िले में एक सौर गाँव (Solar Village) विकसित करने की योजना है. इसके लिए भोपाल कलेक्टर ने ज़िला पंचायत सहित सभी विभागों को निर्देश दिए हैं. आने वाले 15 दिनों में गाँव का चयन कर काम शुरू कर दिया जाएगा. यह कदम मध्य प्रदेश को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा.
भोपाल में 32 हज़ार से ज़्यादा सोलर पैनल ऊर्जा उत्पादन में आगे
दरअसल राजधानी भोपाल में वर्तमान में 32 हज़ार से ज़्यादा सोलर पैनल स्थापित हैं, जो लगभग 1.92 लाख किलोवाट का प्लांट है. इससे प्रतिदिन 7.68 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है. इन सबके बीच भोपाल ज़िले में एक ऐसा गाँव बनने जा रहा है, जिसकी पूरी बिजली की ज़रूरत सौर ऊर्जा से ही पूरी होगी. यह गाँव पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर निर्भर होगा जिससे बिजली के बिलों में कमी आएगी और पर्यावरण को भी फायदा होगा.
कलेक्टर ने जारी किए निर्देश आत्मनिर्भरता की ओर कदम
मध्य प्रदेश में पहले सौर गाँव की शुरुआत का बिगुल बज गया है. भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इस ऐतिहासिक परियोजना के लिए आदेश जारी कर दिया है. सरकार का यह कदम आत्मनिर्भरता के साथ-साथ सौर राजधानी की दिशा को भी मज़बूत करेगा. इससे न केवल बिजली की बचत होगी बल्कि कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी जिससे पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी.
जानें कब शुरू होगा काम 15 दिन में चयन और तुरंत शुरुआत
भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के अनुसार सौर गाँव के लिए निर्देश दे दिए गए हैं. इस गाँव का चयन अगले 15 दिनों के भीतर कर लिया जाएगा. इसके साथ ही इस गाँव में काम भी शुरू कर दिया जाएगा. इसके लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं ताकि परियोजना को तेज़ी से और प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके.
बिजली की ज़रूरतें सौर ऊर्जा से पूरी होंगी हर घर को मिलेगी रोशनी
ज़िले का जो गाँव सौर गाँव के रूप में विकसित किया जाएगा, उस पूरे गाँव की बिजली की ज़रूरतें केवल सोलर पैनलों से ही पूरी की जाएँगी. इसके लिए वित्तपोषण की ज़िम्मेदारी लीड बैंक को दी गई है ताकि परियोजना का काम जल्द से जल्द शुरू हो सके और गाँव के हर घर तक सौर ऊर्जा पहुँच सके. इससे गाँव के लोगों को 24 घंटे बिजली मिलेगी जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार आएगा.
25 हज़ार प्लांट लगाने का लक्ष्य भोपाल बनेगा सौर राजधानी
यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल निगम को 25 हज़ार प्लांट लगाने और सौर ऊर्जा से लगभग 900 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य दिया था. यदि यह लक्ष्य पूरा हो जाता है तो राजधानी भोपाल की सरकारी छतों से 35 हज़ार यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा सकता है.
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निगम और प्रशासनिक भवनों की छतों पर भी सोलर की संभावना
भोपाल शहर में नगर निगम की 93 इमारतें हैं. यदि प्रत्येक छत पर 20 किलोवाट का प्लांट लगाया जाए, तो प्रतिदिन 7200 यूनिट बिजली का उत्पादन हो सकता है, जिससे प्रति माह 2.16 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा जो निगम के एक महीने के बिजली खर्च के बराबर है.
दूसरी ओर यदि ज़िला प्रशासन के भवनों की छतों पर भी सोलर प्लांट लगाए जाते हैं तो भोपाल में प्रशासन के 40 विभागों की 75 इमारतें हैं. यदि प्रत्येक छत पर 20 किलोवाट के प्लांट लगाए जाएँ तो प्रतिदिन 6000 यूनिट बिजली का उत्पादन हो सकता है, जो प्रति माह 1.80 लाख यूनिट होगा. यह भोपाल को एक सही मायने में सौर ऊर्जा पर निर्भर शहर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा.
अस्वीकरण: यह जानकारी पत्रिका समाचार स्रोत पर आधारित है. परियोजना की समय-सीमा, लागत और अन्य विवरणों में सरकारी निर्णयों और ज़मीनी परिस्थितियों के अनुसार बदलाव हो सकता है. सटीक जानकारी के लिए आधिकारिक सरकारी स्रोतों पर भरोसा करें.