पटना:
बिहार लोक सेवा आयोग के खिलाफ चल रहा आंदोलन गर्दनीबाग से होते हुए गांधी मैदान पहुंच गया। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने परीक्षार्थियों का समर्थन किया। अब ये समर्थन कई राजनीतिक दलों को नागवार गुजरने लगा है। ये समर्थन खटकने लगा है। सियासी दलों को लग रहा है कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पीके की राजनीतिक जमीन इस अनशन से और भी पुख्ता हो जाएगी। तेजस्वी यादव और पप्पू यादव को लग रहा है कि कहीं वे चूक तो नहीं गए। खैर, सवाल कई हैं। इस बीच परीक्षार्थियों को संबोधित करते हुए नीतीश सरकार के मंत्री ने बड़ी बात कह दी है।
रद्द हो सकती है परीक्षा!
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और बिहार सरकार में मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा है कि बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं पीटी परीक्षा रद्द हो सकती है! पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान दिलीप जायसवाल ने साफ किया है कि सरकार ने अब तक परीक्षा रद्द नहीं करने पर अंतिम फैसला नहीं किया है। पूरे मामले की सिलसिलेवार ढंग से जांच चल रही है। सरकार को अगर कुछ भी गड़बड़ी दिखती है। इस परीक्षा को रद्द किया जा सकता है। उन्होंने साफ कहा कि गड़बड़ी दिखने पर परीक्षा रद्द की जाएगी। उन्होंने साफ कहा है कि सरकार ने अभी तक ना नहीं कहा है।
विपक्ष पर तीखा हमला
उधर, डॉ. दिलीप जायसवाल ने इस मुद्दे को लेकर विपक्ष पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि छात्रों के आंदोलन का राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश हो रही है। कई सियासी दल इसका फायदा लेना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष विकास और रोजगार के अलावा अन्य किसी मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं कर सकता है। उनके पास कोई मुद्दा ही नहीं है। इसलिए वे छात्रों का इस्तेमाल कर आंदोलन में खुद को झोंक रहे हैं। खुद को स्थापित करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। ध्यान रहे कि इस मुद्दे पर कांग्रेस और लेफ्ट के सदस्यों ने राज्यपाल से मिलकर एक ज्ञापन दिया था। उनसे आग्रह किया था कि इसकी जांच हाई कोर्ट के जज की निगरानी में हो।
मंत्री के बयान के मायने
ध्यान देने योग्य बात ये है कि बिहार सरकार के मंत्री की तरफ से ये बयान उस समय में आया है। जब सुप्रीम कोर्ट ने बीपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने का आदेश दिया है। डॉ. दिलीप जायसवाल ने तमाम प्रदर्शनों और विरोधों के बाद परीक्षार्थियों से अपील करते हुए कहा है कि उनका आग्रह गै कि वो सरकार और बिहार लोक सेवा आयोग पर भरोसा रखें, भटकें नहीं। बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थी लगातार प्रदर्शन करने के बाद प्रशांत किशोर के नेतृत्व में आमरण अनशन पर हैं। इधर, नेता प्रतिपक्ष भी बिहार सरकार पर लगातार हमलावर हैं।