चालान कटा, गाड़ी घुमाई और फिर उड़ा दिया RTO इंस्पेक्टर, जंगल से मिला ड्राईवर तो सामने आया ये खौफनाक सच

कोटा

सबके मन में सवाल उठ रहा था कि एक ट्रेलर ड्राइवर ने आखिरकार एक चालान काटने पर क्यों आरटीओ इंस्पेक्टर की जान ले ली। अब तक की पड़ताल में सामने आया कि शनिवार की शाम करीब साढ़े 6 बजे कोटा-झालावाड़ नेशनल हाईवे-52 पर मंडाना थाना इलाके के गोपालपुरा माताजी 8-लेन टोल प्लाजा के पास आरटीओ की चैकिंग चल रही थी। इंस्पेक्टर नरेश कुमार टीम के साथ तैनात थे। एक ट्रोला चित्तौड़गढ़ की तरफ से झालावाड़ की तरफ निकला। टीम ने उसे रोकने का प्रयास किया, मगर वह आगे निकल गया। ट्रोले का फोटो खींच कर आरटीओ उड़न दस्ते ने ट्रेलर का ऑनलाइन करीब 15,500 रुपये का चालान बना दिया।

12km दूर से वापस आया और उड़ा दिया आरटीओ इंस्पेक्टर को
ट्रोला चालक दरा की तरफ पहुंचा तो उसके मोबाइल पर चालान का मैसेज आया। उसने मैसेज देखा तो वह भयंकर गुस्से में हो गया। क्योंकि उसके 1 लाख रुपये से ऊपर के चालान पहले से बने हुए हैं। जिन्हें वह जमा नहीं करा पा रहा है। वह करीब 12 किलोमीटर दूर से वापस आया, उसने आरटीओ इंस्पेक्टर पर ट्रेलर चढ़ा दिया। इसके बाद जंगल की ओर भाग गया।

स्पेशल टीमों ने जंगल में की छानबीन
कोटा जिला ग्रामीण एसपी सुजीत शंकर ने कहा कि मंडाना, कनवास, कैथून थाने और पुलिस की स्पेशल टीमों ने जंगल में उसे तलाशा। पुलिस ने गांव वालों की मदद ली। रविवार देर रात आरोपी ट्रोला चालक भागचंद गुर्जर को पकड़ गया। पैर टूटा होने के कारण उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। पुलिस ने इंस्पेक्टर के ड्राइवर देवेंद्र कुमार की ओर से आरोपी भागचंद के खिलाफ हत्या व जान से मारने की कोशिश का केस दर्ज किया है। आरोपी को गिरफ्तार करके पूछताछ की जा रही है।

270 करोड़ का टारगेट और केवल 5 इंस्पेक्टर
आरटीओ कोटा जिले में टारगेट का प्रेशर और इंस्पेक्टरों की कमी के चलते इंस्पेक्टरों को ज्यादा समय ड्यूटी करनी पड़ रही है। टारगेट भी पूरा करना पड़ रहा है। आरटीओ मनीष शर्मा ने बताया कि कोटा जिले में 17 पद हैं। लेकिन अभी 5 ही इंस्पेक्टर हैं। इसमें भी केवल 4 ही फील्ड में हैं। साल 2025-26 में परिवहन विभाग ने कोटा जिले को 277 करोड़ रुपये का टारगेट दिया है। इस बार का टारगेट पिछले साल से 30 फीसदी ज्यादा है। अप्रैल में केवल 17.86 करोड़ रुपये हुए है। ऐसे में इंस्पेक्टरों पर टारगेट पूरा करने का प्रेशर रहता है। इसके चलते उन्हें समय से ज्यादा भी ड्यूटी करनी पड़ती है। सरकारी छुट्टी के दिन भी कार्रवाई करनी पड़ती है। उन्हें विशेष अभियान जैसे अवैध खनन, एग्जाम के दौरान व्यवस्था, सरकारी आयोजनों में भी समय-समय पर ड्यूटी करनी पड़ती है।

हमारे व्हाट्सप्प ग्रुप से जुड़े 👉👉

Join Now

Latest Stories