रायपुर:
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। बुधवार को टीम ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया है। कवासी लखमा बुधवार को तीसरी बार ईडी के दफ्तर में पूछताछ के लिए पहुंचे थे। पूछताछ के बाद ईडी की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में जब शराब घोटाले का मामला सामने आया था उस समय कांग्रेस की सरकार में कवासी लखमा आबकारी विभाग के मंत्री थे।
दो बार पहले हो चुकी थी पूछताछ
कवासी लखमा के घर में ईडी ने दिसंबर में रेड डाली थी। इसके बाद कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। ईडी की टीम ने दो बार उनसे पूछताछ की थी। इसके साथ ही उनसे संपत्ति का ब्यौरा भी मांगा गया था। कवासी लखमा ने कहा था कि ईडी की टीम मुझे जितनी बार बुलाएगी मैं जाऊंगा। मैं कानून का सम्मान करने वाला आदमी हूं।
सीए के साथ नहीं पहुंचे थे कवासी
ईडी के अधिकारियों ने कवासी लखमा ने तीसरी बार पूछताछ के लिए बुलाया था। इस दौरान ईडी ने कवासी से कहा था कि वह अपने सीए को भी साथ में लेकर आएं लेकिन कवासी लखमा अकेले ही ईडी के दफ्तर पहुंचे। कवासी लखमा ने बताया कि उनके किसी किसी काम से बाहर गए हैं जिस कारण से वह नहीं आए हैं।
ईडी को मिले थे सबूत
कवासी लखमा के घर रेड के बाद ईडी ने अपने अधिकारिक बयान में कहा था कि कवासी लखमा के खिलाफ सबूत मिले हैं। वहीं, कवासी लखमा ने कहा था कि घोटाला हुआ है या फिर नहीं मुझे इसकी जानकारी नहीं है। मैं अनपढ़ आदमी हूं। अधिकारी जहां कहते थे मैं साइन कर देता था।
क्या है शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच ईडी कर रही है। ईडी के अनुसार यह करीब दो हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला है। ईडी का दावा है कि भूपेश बघेल की सरकार में आईएसएस अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के अवैध सिंडिकेट ने इस घोटाले को अंजाम दिया है। इस मामले में कई आरोपी जेल में बंद हैं। अनवर ढेबर, रायपुर के मेयर रहे एजाज ढेबर के भाई हैं।