राजकोट
गुजरात के राजकोट में सोमवार को प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 38 कथित अपराधियों से जुड़ी 60 से ज्यादा संपत्तियों को गिरा दिया. अधिकारियों का कहना है कि ये सभी निर्माण सरकारी जमीन पर अवैध रूप से किए गए थे. इस कार्रवाई के तहत करीब 2,610 वर्ग मीटर जमीन खाली कराई गई, जिसकी कीमत करीब 6.52 करोड़ रुपये बताई गई है.
सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद हुई कार्रवाई
ये कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2023 में देशभर में “बुलडोज़र न्याय” पर रोक लगाई थी. कोर्ट ने साफ कहा था कि किसी भी व्यक्ति की संपत्ति को सिर्फ इस आधार पर गिराना कि वह अपराधी है या आरोपी है, कानून के खिलाफ है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी तय किया था कि किसी अवैध निर्माण को तोड़ने से पहले 15 दिन का नोटिस देना ज़रूरी है, जिसे डाक से भेजा जाए और मकान की दीवार पर भी चिपकाया जाए.
पुलिस ने कहा- समय पर दिए गए थे नोटिस
राजकोट पुलिस का कहना है कि जिन लोगों की संपत्तियां तोड़ी गई हैं, उन्हें एक महीने पहले दो नोटिस दिए गए थे. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इन लोगों पर हत्या, चोरी और शराबबंदी जैसे गंभीर मामलों में केस दर्ज हैं. राजकोट के डिप्टी पुलिस कमिश्नर (Zone II) जगदीश बांगड़वा ने बताया कि ये कार्रवाई पूरी कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई है.
गुजरात सरकार ने दी सख्त कार्रवाई के संकेत
गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि राज्य सरकार अपराधियों और अवैध कब्जेदारों के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है. उन्होंने कहा, “अगर कोई राज्य की जमीन पर कब्जा कर अपराध करता है, तो हम उसे बख्शेंगे नहीं. राजकोट में जिन इलाकों में अवैध गतिविधियां होती हैं, वहां हम सख्ती से कार्रवाई करेंगे.”
अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान जारी
प्रशासन का कहना है कि यह कोई एक दिन की कार्रवाई नहीं है, बल्कि अवैध निर्माणों के खिलाफ चल रहे व्यापक अभियान का हिस्सा है. अधिकारियों का मानना है कि इससे अपराधियों में डर पैदा होगा और सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने वालों पर लगाम लगेगी.