पटना/दिल्ली
जमीन के बदले नौकरी मामले में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। प्रवर्तन निदेशालय ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है। अदालत ने इस चार्जशीट पर संज्ञान लेने को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया है। ईडी ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी हासिल की थी। कथित भूमि के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले (मनी लॉन्ड्रिंग) में दायर आरोपपत्र का संज्ञान लेने के मामले पर अपना फैसला शुक्रवार को सुरक्षित रख लिया। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की दलीलें सुनने के बाद तीन जून के लिए आदेश सुरक्षित रखा। जज को 14 मई को सूचित किया गया था कि ईडी को कथित घोटाले में लालू प्रसाद पर मुकदमा चलाने के लिए आवश्यक मंजूरी मिल गई है।
राष्ट्रपति से मिली है मुकदमा की मंजूरी
आरोप है कि ये कथित घोटाला लालू प्रसाद के केंद्रीय रेल मंत्री रहने के दौरान हुआ था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आठ मई को धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले में लालू प्रसाद के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। द्रौपदी मुर्मू ने सीआरपीसी की धारा 197(1) (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218) के तहत अनुमति दी थी।
लैंड फॉर जॉब के लेपेटे में लालू परिवार
न्यायाधीश ने 14 मई को कहा था, ‘ईडी ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए गृह मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त मंजूरी को रिकॉर्ड में लाने के लिए एक आवेदन दायर किया है।’ ईडी की ओर से अधिवक्ता मनीष जैन पेश हुए। मामले की जांच करने वाली ईडी ने पिछले साल अगस्त में 76 वर्षीय लालू प्रसाद, उनके बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान गड़बड़ी
जनवरी 2024 में, ईडी ने लालू यादव परिवार के एक कथित सहयोगी अमित कत्याल और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ अपना पहला आरोप पत्र दायर किया था। इस आरोप पत्र में लालू प्रसाद की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बेटी और सांसद मीसा भारती, एक और बेटी हेमा यादव और दो संबद्ध कंपनियां- एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम शामिल थे। अदालत ने हाल ही में इन दोनों आरोप पत्रों (अभियोजन शिकायतों) का संज्ञान लिया था।