MP Govt Employees Promotion:मध्य प्रदेश के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक अच्छी ख़बर आई है. राज्य सरकार 9 साल से इंतज़ार कर रहे कर्मचारियों को एक बड़ी राहत देने जा रही है. जानकारी के अनुसार जल्द ही राज्य में पदोन्नति में आरक्षण (reservation in promotion) का नियम लागू करने की तैयारी चल रही है. मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों ने भी इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है.
नई पदोन्नति नीति के मसौदे के अनुसार, पहले से पदोन्नत हो चुके अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके पदों से हटाया नहीं जाएगा. साथ ही जो कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं उन्हें इस नई व्यवस्था का लाभ नहीं दिया जाएगा. इस नीति के तहत सबसे पहले अनुसूचित जाति (16%) और अनुसूचित जनजाति (20%) वर्ग के खाली पदों को भरकर आरक्षण का लाभ दिया जाएगा. इसके बाद अन्य वर्गों को भी मौका मिलेगा. माना जा रहा है कि जून के आखिरी हफ़्ते में इस प्रस्ताव को मंज़ूरी के लिए कैबिनेट में पेश किया जाएगा.
9 साल से लटका था मामला हजारों कर्मचारी हुए थे रिटायर
आपको बता दें कि प्रदेश में पदोन्नति का मामला पिछले 9 सालों से लंबित था. इस दौरान हज़ारों कर्मचारी बिना पदोन्नति के ही रिटायर हो गए. बड़ी संख्या में कर्मचारी अभी भी पदोन्नति का इंतज़ार कर रहे हैं. अब राज्य सरकार ने इस समस्या का समाधान ढूंढने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं. जानकारी के अनुसार सीएम मोहन यादव ने भी इस फॉर्मेट को दो बार देखा है और हाल ही में सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने कैबिनेट में इसका प्रेजेंटेशन दिया था.
सबको मिलेगा फायदा पारदर्शी और न्यायपूर्ण व्यवस्था
फॉर्मेट के अनुसार पदोन्नति में आरक्षण का सबसे पहले लाभ आदिवासी (ST) वर्ग को दिया जाएगा. इसके बाद अन्य वर्गों को फायदा मिलेगा. यदि आरक्षित वर्ग के पदों के लिए कोई योग्य व्यक्ति उपलब्ध नहीं होता है तो वे पद किसी अन्य वर्ग को नहीं दिए जाएंगे बल्कि उन्हें खाली रखा जाएगा. यह व्यवस्था आरक्षण की पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाई गई है.
ऐसे बुलाए जाएंगे उम्मीदवार हर साल होगी DPC
फॉर्मेट में बताया गया है कि रिक्तियों की संख्या के लिए पदों की दोगुनी संख्या और 4 अतिरिक्त उम्मीदवारों को पदोन्नति के लिए बुलाया जाएगा. उदाहरण के लिए, यदि 10 पद खाली हैं तो DPC (विभागीय पदोन्नति समिति) के लिए 24 लोगों को आमंत्रित किया जाएगा. DPC हर साल सितंबर से नवंबर के बीच आयोजित की जाएगी और 31 दिसंबर तक रिटायर होने वाले कर्मचारियों की पात्रता निर्धारित की जाएगी.
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इन श्रेणियों के लिए अलग-अलग मानदंड
पदोन्नति प्रक्रिया में दो श्रेणियों के लिए अलग-अलग मानदंड निर्धारित किए गए हैं. क्लास वन अधिकारियों को मेरिट-कम-सीनियरिटी (merit-cum-seniority) के आधार पर पदोन्नत किया जाएगा जबकि क्लास टू और निचले पदों के लिए सूची सीनियरिटी-कम-मेरिट (seniority-cum-merit) के आधार पर तैयार की जाएगी. इस व्यवस्था से सभी श्रेणियों को अपनी पात्रता और योग्यता के अनुसार समान अवसर मिलेंगे.
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अस्वीकरण: यहाँ दी गई जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और सरकारी सूत्रों पर आधारित है. पदोन्नति नीति के अंतिम स्वरूप और इसके लागू होने की सटीक तारीख़ के लिए कृपया राज्य सरकार की आधिकारिक घोषणा का इंतज़ार करें.