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Wednesday, July 30, 2025
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बाप रे बाप! नीतीश के दोस्त ने खोला PK और RCP की दोस्ती का धागा, JDU के दौर में कड़वाहट को किया सरेआम

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पटना

जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर के बारे में कहा है कि वह आत्मप्रशंसा अभियान में जुटे हैं। प्रशांत किशोर की ओर से देशभर में 10 मुख्यमंत्री बनाए जाने के दावे पर केसी त्यागी ने कहा कि वह एक व्यक्ति का नाम बताएं जिसे उन्होंने अपने हाथों से मुख्यमंत्री बनाया है। 2014 में प्रशांत किशोर के साथ आने से पहले नीतीश कुमार कई बार मुख्यमंत्री रह चुके थे। ममता बनर्जी पहले लंबे समय से मुख्यमंत्री बनती आ रही थीं, तब प्रशांत ने वहां उनके लिए कैंपेन किया। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे हों या तेलंगाना के ये पहले भी मुख्यमंत्री रह चुके थे। हो सकता है कि वह इन लोगों की प्रतिष्ठा और प्रतिभा को हो सकता है कि तात्कालिक रूप से कुछ नया आयाम दिया हो।

‘प्रशांत किशोर ने किसी को भी CM नहीं बनाया’
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार 2004 में, 2005 में फिर 2010 में मुख्यमंत्री बन चुके थे। तो उनकी जो प्रशंसा थी और कद था उसे ही भुनाया। दर्जनों दिल्ली की एजेंसी ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नीतीश कुमार को बेस्ट गवर्निंग मुख्यमंत्री माना था। प्रशांत किशोर की यादें ताजा करने के लिए कहना चाहता हूं कि 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव के रिजल्ट ने समूचे देश को आश्चर्यचकित किया था, जब आरजेडी मुख्य विपक्षी दल बनने के लायक नहीं बची थी। जेडीयू के अपने बलबूते 118 विधायक जीतकर आए थे।

पीके को बड़बोलेपन से बचने की सलाह
केसी त्यागी ने सलाह वाले लहजे में कहा कि बड़ी और लंबी बात करने से और निंदनात्मक और आलोचनात्मक टिप्पणी करने से चुनाव के नतीजे नहीं बदलते।

केसी त्यागी ने बताई आरसीपी और पीके के खराब रिश्ते की कहानी
कुछ साल पहले तक नीतीश कुमार के अगर बगल बैठने वाले आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर के उनसे अलग होकर एक होने पर केसी त्यागी ने कहा, ‘नीतीश कुमार के पदाधिकारियों का जो ग्रुप था उसमें मैं भी मुख्य रोल में रहा। आरसीपी सिंह संसदीय दल के नेता भी थे, महामंत्री भी थे। प्रशांत किशोर रणनीतिकार थे और बाद में उपाध्यक्ष भी बने थे। लेकिन उस क्रम का घटनाक्रम बेहद कटु है। आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर के रिश्ते बेहद खराब थे। प्रतिस्पर्धा थी। दोनों एक दूसरे को अच्छी नजरों से नहीं देखते थे।’

उन्होंने कहा कि अब एक नकारात्मक राजनीति के तहत, नीतीश विरोध के नाम पर आरसीपी और प्रशांत किशोर इकट्ठा हुए हैं। उनकी दोस्ती उनको मुबारक। इससे जेडीयू के स्वास्थ्य पर कोई असर पड़ेगा ऐसा कतई नहीं होने वाला है।बता दें कि बुधवार को एक जनसभा में प्रशांत किशोर ने दावा किया कि वह 10-10 लोगों को मुख्यमंत्री बनाकर बिहार आए हैं। वह मुख्यमंत्री बनने नहीं आए हैं। उनका सपना है कि पंजाब-हरियाणा से लोग रोजगार की तलाश में बिहार आएं तभी वह असली विकास मानेंगे।

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