22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तानी आतंकी ढांचे पर प्रहार करते हुए 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया था। वहीं पाकिस्तान के साथ संघर्ष में उसके कई शहरों पर प्रहार किया था। भारतीय सेना ने सभी हमलों का वीडियो भी जारी किया है। इसके बावजूद सेना के शौर्य और क्षमता पर कांग्रेस विधायक ने सवाल खड़े कर दिए हैं। कर्नाटक के कांग्रेस विधायक कोथुर मंजुनाथ ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सवाल उठाते हुए इसे ‘महज दिखावा’ करार दिया। साथ ही कांग्रेस विधायक ने सरकार और सेना से इसके सबूत भी मांगा है।
कर्नाटक के कांग्रेस विधायक कोथुर मंजुनाथ ने इस सैन्य कार्रवाई पर संदेह जताते हुए कहा है कि ‘यह सिर्फ दिखावा था। इससे न तो कोई न्याय मिला और न ही पहलगाम हमले के पीड़ितों को सच्ची सांत्वना।मंजुनाथ ने तल्ख अंदाज में कहा, ‘कुछ हुआ ही नहीं। बस दिखावे के लिए तीन-चार विमान ऊपर से भेजे और वापस बुला लिए. क्या इससे पहलगाम में मारे गए 26-28 लोगों को इंसाफ मिलेगा? क्या उन महिलाओं का दुख इस तरह कम होगा? क्या यही तरीका है उनका सम्मान करने का?’

सरकार के दावों पर उठाए सवाल
मंजुनाथ ने 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए हमले के जिम्मेदार आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि पर भी संदेह जताया। उन्होंने सवाल करते हुए पूछा, ‘क्या पक्के तौर पर पता है कि 100 आतंकवादी मारे गए? उनकी पहचान क्या है? क्या वे वही आतंकी थे जिन्होंने 22 अप्रैल को बाईसारन घाटी में हमला किया था?’
उन्होंने कहा, ‘क्या यह पुष्टि हुई कि 100 आतंकवादी मारे गए? वे आतंकवादी कौन थे जो हमारी सीमा में घुसे? उनकी पहचान क्या है? सीमा पर सुरक्षा क्यों नहीं थी? वे कैसे भाग निकले? हमें आतंकवाद की जड़, शाखाओं और तनों को पहचानकर खत्म करना चाहिए। उन्होंने इसे खुफिया तंत्र की पूर्ण विफलता करार दिया।
विधायक ने मीडिया पर भी उठाया सवाल
विधायक ने मीडिया पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा,’सभी टीवी चैनल अलग-अलग कहानियां सुना रहे हैं। कोई चैनल कहता है यहां मारा, कोई कहता है वहां मारा। कोई नहीं बता रहा कि असल में मारा कौन गया, कहां मारा गया, कितने मारे गए। सरकार की ओर से कोई स्पष्ट बयान नहीं आया।
उन्होंने यह भी कहा कि यह एक बड़ी खुफिया चूक थी और जब तक आतंकवाद की जड़ों को नष्ट नहीं किया जाता, समाधान संभव नहीं है। मंजुनाथ ने नागरिकों के खिलाफ किसी भी तरह के युद्ध का विरोध करते हुए कहा, ‘हम कर्नाटक, पाकिस्तान, चीन या बांग्लादेश, कहीं भी नागरिकों के खिलाफ युद्ध के खिलाफ हैं। क्या आप जानते हैं कि उन महिलाओं के सामने उनके पतियों को कैसे मारा गया? यह कार्रवाई उनका दुख नहीं मिटा सकती यह समाधान नहीं है।

