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Sunday, July 6, 2025
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पहलगाम हमले को लेकर पं. प्रदीप मिश्रा का आया रिएक्शन, जयपुर में कथा के दौरान कही बड़ी बात

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जयपुर:

जयपुर में ईसर गौरा शिव महापुराण कथा का वाचन करने आए पं. प्रदीप मिश्रा मंगलवार को मीडिया से रूबरू हुए। इस दौरान उन्होंने सनातनियों को एकजुट होने का आह्वान किया। पं. मिश्रा ने कहा कि सनातन संस्कृति के लोगों को जातियों में नहीं बंटना चाहिए। जब सनातनी एकजुट होंगे तभी देश सुरक्षित रहेगा। पं. मिश्रा ने कहा कि पहलगाम में जब आतंकी हमला हुआ था। तब यह नहीं पूछा गया कि आप ब्राह्मण हैं, क्षत्रिय हैं, वैश्य हैं या शूद्र हैं। हमलावरों ने किसी की जाति नहीं पूछी। वहां केवल धर्म पूछा और गोली मार दी गई। इसलिए सनातनियों को एक हो जाना चाहिए। एक होकर चलने के साथ ही शिवमय होकर चलें और सनातन धर्म की ध्वजा को आगे बढाएं।

दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब मिलेगा – पं. मिश्रा
पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि भारत और सनातनियों के दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने का समय आ गया है। पाकिस्तान की ओर से जो आतंकी घटना को अंजाम दिया गया है उसका जवाब बहुत जल्द भारत देने वाला है। देश के दुश्मनों को बहुत जल्द और बहुत अच्छे तरीके से मुंहतोड़ जवाब मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि शस्त्र से ज्यादा बुद्धि की जरूरत होती है और बुद्धि से ही इसका जवाब दिया जाएगा। भारत के जवाब को ना केवल पाकिस्तान बल्कि पूरी दुनिया देखेगी। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि रामजन्म भूमि मिल गई है और वहां भव्य मंदिर का निर्माण हो गया है। अब जल्द ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि भी मिलने वाली है। वहां पर भी सनातन की ध्वजा लहराएगी।

‘श्री शिवाय नमस्तुभ्यं’ मंत्र का अर्थ समझाया
पंडित मिश्रा ने श्री शिवाय नमस्तुभ्यं के मंत्र का अर्थ भी समझाया। उन्होंने कहा कि इस मंत्र में पूरा शिव परिवार विराजमान है। यह मंत्र विद्येश्वर संहिता का है। महाकवि वेदव्यास जी महाराज ने इस मंत्र की गणना की थी। इस मंत्र में लक्ष्मी जी, मां पार्वती और देवों के देव महादेव भगवान शंकर का पूरा परिवार शामिल है। इसमें छह पुत्रियां जया, विषहरा, शामिलबारी, देव, दोतलि और अशोक सुंदरी के साथ भगवान शिव के पुत्र गणेश जी महाराज, कार्तिकेय जी भी इस मंत्र में विराजमान हैं। इसीलिए कहा जाता है कि इस मंत्र को अगर कोई बोलता है तो सुनने वाला दर्शन करके भी फल प्राप्ति का हकदार हो जाता है। यानी कोई दूसरा व्यक्ति मंत्र का उच्चारण कर रहा है और सामने वाला उसे देखता है तो भी उसका फल उसे मिल जाता है। यह मंत्र अपने आप में विशेष महत्व वाला है।

उन्होंने कहा कि आजकल को अपने आसपास के मंदिरों में जाना अच्छा नहीं मानते। वे घर बैठे ही अमरनाथ और केदारनाथ जाने का प्लान करते हैं। इसमें शिव की आस्था के साथ पर्यटन का उद्देश्य भी शामिल हो जाता है। लोगों को चाहिए कि केदारनाथ और अमरनाथ दर्शन का प्लान बनाने से पहले अपने घर से नजदीकी शिव मंदिरों में जाएं। वहां पूजा अर्चना करें। केवल दूर दूर जाकर आराधना करने से श्रेष्ठ है कि आप नजदीक से ही शिव को मनाएं। जब शिव की आज्ञा होगी को केदारनाथ और अमरनाथ का प्रोग्राम अपने आप बन जाएगा।

घर बैठे सुने शिव की कथाएं
जयपुर में 1 मई से शुरू हुई शिव महापुराण कथा का वाचन बुधवार 7 मई तक होगा। यहां कथा सुनने के लिए लाखों शिव भक्तों की भीड़ उमड़ी है। कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि जयपुर की कथा में कई राज्यों के लोग आए हैं। राजस्थान भी बहुत बड़ा है। हर जिले से लोग कथा सुनने के लिए जयपुर आ गए। ज्यादातर लोगों का यही मानना है कि जब उनके नजदीक में कथा हो रही है तो घर बैठकर टीवी पर क्यों सुनें, वहीं चलकर सुनते हैं। इसी कारण यहां भीड़ ज्यादा हो गई। लोगों को भीड़ में आने के बजाय घर बैठे टीवी पर ही भगवान शिव की कथा सुन लेनी चाहिए। पं. मिश्रा ने यह भी कहा कि लोगों को अच्छी संगत के मित्र बनाने चाहिए। तीन तरह के मित्रों से जितना दूर रहो उतना अच्छा है। पहले वे जो केवल आपकी प्रशंसा करे और जरूरत पड़ने पर मुंह मोड़ ले। दूसरे वे जो आपसे मीठा बोलकर खर्चा कराते रहें और तीसरे प्याली मित्र जो आपको अपने पैसों से प्याला पीना सीखा देंगे। जब आपको आदत पड़ जाएगी तो वे दूर हो जाएंगे। इसके बाद आप बर्बाद हो जाएंगे।

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