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Tuesday, July 8, 2025
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अपने ही दो बर्खास्त अधिकारियों को पकड़ नहीं पाई पंजाब पुलिस, कहां हैं DSP गुरशेर सिंह और AIG राज जीत हुंडल

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चंडीगढ़

पंजाब पुलिस अपने ही भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़ने में नाकाम रही है। ये अधिकारी गंभीर अपराधों के आरोपी हैं और फरार हैं। हम बात कर रहे हैं बर्खास्त एआईजी राज जीत सिंह हुंडल और डीएसपी गुरशेर सिंह संधू की। पुलिस की इस नाकामी की कड़ी आलोचना हो रही है। खासकर इसलिए क्योंकि पुलिस ने कुछ अन्य जघन्य अपराधों को कुछ ही दिनों में सुलझा लिया है। पंजाब पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल (मुख्यालय) सुखचैन सिंह गिल ने साल के अंत में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस के कामकाज की तारीफ की थी। उन्होंने कई बड़े मामलों को सुलझाने में पुलिस की सफलता पर ज़ोर दिया। लेकिन बर्खास्त एआईजी राज जीत सिंह हुंडल और डीएसपी गुरशेर सिंह संधू को गिरफ्तार करने में पुलिस की नाकामी पर उन्होंने कुछ नहीं कहा।

बता दें कि हुंडल दो साल से ज़्यादा समय से फरार हैं। हुंडल को 17 अप्रैल, 2023 को बर्खास्त कर दिया गया था। हुंडल ने ज़मानत पाने के लिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा भी खटखटाया है। वहीं संधू पर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का पुलिस हिरासत में टीवी इंटरव्यू करवाने का आरोप है। उन पर जालसाजी और भ्रष्टाचार के भी आरोप हैं। डीएसपी संधू के बारे में कहा जाता है कि वह विदेश भाग गया है। पंजाब पुलिस ने उसे पिछले साल 2 जून को सेवा से हटा दिया था। दोनों आरोपी गिरफ्तारी से बचने में कामयाब रहे हैं।

गुरशेर सिंह संधू को कारण बताओ नोटिस भी नहीं दे पाई
पुलिस बर्खास्तगी से पहले गुरशेर सिंह संधू को कारण बताओ नोटिस भी नहीं दे पाई और उसे उसके घर के बाहर चिपकाना पड़ा। उनके बर्खास्तगी आदेश में ज़ोर देकर कहा गया था कि बिश्नोई के इंटरव्यू के दौरान अधिकारी के कदाचार, लापरवाही और कर्तव्य की उपेक्षा ने पुलिस विभाग की छवि को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है। पहले निलंबन के बाद, पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने भी उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और विवादित संपत्ति सौदों के आरोपों की जांच शुरू की।

इंस्पेक्टर के रूप में पंजाब पुलिस में शामिल हुए
पूर्व AIG राज जीत सिंह हुंडल 1992 में एक इंस्पेक्टर के रूप में पंजाब पुलिस में शामिल हुए थे और उन्हें 2013 में मेधावी सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक से भी सम्मानित किया गया था। उन पर तब से ड्रग्स और जबरन वसूली के रैकेट चलाने का आरोप है। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा एक विशेष जांच दल (SIT) की सीलबंद रिपोर्ट खोलने के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था, जिसमें उन्हें इन गतिविधियों में शामिल बताया गया था।

ड्रग तस्करी में आय़ा था हुंडल का नाम
बर्खास्त पुलिस इंस्पेक्टर इंदरजीत सिंह के साथ एक ड्रग तस्करी के मामले में भी उनका नाम सामने आया था। हुंडल ने कई बार अग्रिम ज़मानत मांगी, लेकिन उन्हें कई असफलताओं का सामना करना पड़ा, जिसमें अक्टूबर 2023 में हाई कोर्ट द्वारा उनकी ज़मानत याचिका खारिज करना भी शामिल है। हालांकि, कुछ मामलों में उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की गई थी, जबकि अदालतें उनके मामलों पर विचार कर रही थीं। जुलाई 2024 में, मोहाली की एक अदालत ने उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में एक घोषित अपराधी (PO) घोषित किया।

जमानत में हुंडल ने दी थी ये सफाई
अपनी ज़मानत याचिकाओं में, हुंडल का दावा है कि वह शहीदों के एक सम्मानित परिवार से ताल्लुक रखते हैं जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दे दी। उनके पिता एक पुलिस अधिकारी थे जिनपर आतंकवादियों ने हमला किया था। उन्होंने अपनी मां और बहन को भी खो दिया था। उनके जीजा, जिन्होंने सशस्त्र बलों में सेवा की थी, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के हाथों शहीद हो गए थे और उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था।

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