अलीगढ़ केस का दर्दनाक सच! 8 साल पहले पिता और अब बेटी… टीचर और नाबालिग छात्रा ने क्यों चुना ये रास्ता?

नई दिल्ली

देश की राजधानी दिल्ली से तकरीबन 150 किलोमीटर दूर बसा है यूपी के अलीगढ़ का बन्नादेवी इलाका। सोमवार शाम से इस इलाके में एक अजीब सा सन्नाटा है। लोगों के चेहरे पर खामोशी है, मायूसी का मंजर है लेकिन जहन में गहरी हलचल भी है। इलाके में रहने वाली महज 14 साल की एक लड़की, जिसने हाल ही में आठवीं की परीक्षा पास की थी, सोमवार को उसकी लाश एक होटल के कमरे में मिली। उसी कमरे में फर्श पर 24 साल के चंद्रभान नाम के शख्स की भी लाश पड़ी थी, जो इस लड़की के स्कूल में पढ़ाते थे।

शुरुआती तफ्तीश में दोनों के बीच प्रेम संबंधों की कहानी सामने आई। चंद्रभान और नाबालिग छात्रा की उम्र के बीच करीब 10 साल का फासला था। घर भी आसपास के ही इलाके में थे। परिवार के लोगों को इस रिश्ते की भनक लगी तो दोनों को खूब समझाया। इज्जत की दुहाई दी, परिवार का वास्ता दिया… लेकिन दोनों ने किसी की एक ना सुनी।

सोमवार को स्कूल जाने के लिए छात्रा घर से निकली, लेकिन वहां नहीं गई। नाबालिग छात्रा के साथ चंद्रभान ने होटल में एक कमरा लिया, दिल्ली में दोस्त को फोन कर बताया कि वो हद से ज्यादा परेशान है। कुछ भी कर सकता है… और दोपहर को जहर खाकर दोनों ने होटल के कमरे में ही जान दे दी। होटल रूम में जहर के खाली पैकेट में भी मिले।

8 साल पहले पिता ने दी थी जान
इस बीच मामले का एक और दर्दनाक सच उभरकर सामने आया। रो-रोकर निढाल हो चुकी नाबालिग छात्रा की मां ने बताया कि आठ साल पहले 2017 में उसके पति भी छोड़कर चले गए थे। उन्होंने खुद अपनी जान ली थी और अब बेटी ने भी वही कदम उठा लिया। हालांकि, अपने पति के जान देने की वजह के बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया।

परिवार को छोड़ गए अकेला
नाबालिग छात्रा के परिवार में उसकी मौत के बाद अब मां, दादा-दादी और एक 10 साल का छोटा भाई रह गया है। वहीं, चंद्रभान अपने घर का इकलौता बेटा था। उसके अलावा तीन छोटी बहनें भी हैं। पिता का कहना है कि उन्होंने अपने बेटे को काफी समझाया था। उसे कहा था कि ये रिश्ता सही नहीं है, लेकिन वह झूठ बोलता रहा और आखिरकार ऐसा कदम उठा लिया।

होटल में छात्रा को मंगेतर बताया
अलीगढ़ के खेरेश्वर चौराहे पर बने होटल द रॉयल रेस्पाइट में कमरा बुक करते वक्त नाबालिग छात्रा ने किसी और की आईडी दिखाई। इस आईडी पर नाम मुस्कान राणा लिखा था और जन्म का साल 2002 था। चेहरे पर दुपट्टा ढके पहुंची छात्रा को चंद्रभान ने अपनी मंगेतर बताते हुए कहा कि उन दोनों की शादी तय हो चुकी है। इस वजह से, दोनों को आसानी से कमरा मिल गया।

दिल्ली में कौन है चंद्रभान का दोस्त?
होटल रूम में मौत को गले लगाने से पहले चंद्रभान ने अपने दिल्ली के किसी दोस्त को फोन किया। फोन पर चंद्रभान काफी परेशान था। अपने दोस्त से उसने बताया कि हालात उसके लिए काफी मुश्किल हो गए हैं और वह कोई भी कदम उठा सकता है। दोस्त ने अपने एक साथी को भेजकर चंद्रभान को बचाने की कोशिश भी की, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।

क्यों चुना मौत का रास्ता?
अलीगढ़ केस में कई सवाल भी खड़े हो गए हैं। चंद्रभान और नाबालिग छात्रा के बीच उम्र में काफी अंतर था, इसलिए परिवार के लोगों ने दोनों के रिश्ते पर बंदिशें लगाने की कोशिश की। शुरुआत में दोनों ने परिवार को भरोसा दिलाया कि अब वो कभी ऐसा नहीं करेंगे। लेकिन, आखिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि दोनों ने अपनी ही जान ले ली। होटल रुम में मिले सल्फास के दो खाली पैकेट गवाही दे रहे हैं कि दोनों मौत की तैयारी करके गए थे।

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