इनके पास खुद खाने को नहीं, आतंकियों को क्या खिलाएंगे…पहलगाम पहुंचीं महबूबा ने अमित शाह से की तीन मांगें

श्रीनगर

पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार अभी तक पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठा चुकी है। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव और घाटी में आतंकियों की खोजबीन के लिए चल रहे सर्च ऑपरेशन के बीच पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने बड़ी मांग की है। सोमवार को पहलगाम पहुंची महबूबा मुफ्ती ने स्थानीय लोगों से मुलाकात की। महबूबा मुफ्ती ने इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह से कई अपील कीं। महबूबा ने कहा कि वे कश्मीरियों को ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) के बजाय सामान्य नागरिक के रूप में देखना शुरू करें। महबूबा ने कहा कि टूरिस्ट पहलगाम आ रहे हैं लेकिन प्वाइंट बंद किए जाने वे लौट रहे हैं। उनकी अपील की है कि ऐसा न किया जाए।

महबूबा ने की रहम की अपील
महबूबा मुफ्ती ने कहा बड़ी हिम्मत लेकर आने वाले टूरिस्ट का लौटना दुखद है। मुफ्ती ने कहा कि चाहे तो वहां सुरक्षा इंतजाम कर दिए जाएं लेकिन टूरिस्ट खाली न लौटें। उन्होंने मांग की टूरिस्ट के सीजन में आतंकी हमले के खिलाफ कश्मीरी बाहर निकले हैं। उन्होंने एकजुटता दिखाई है। हमले के बाद घोड़े वालों को रोजगार खत्म हो गया है। ऐसे में जब आने वाले समय यहां अमरनाथ यात्रा होगी तो यही घोड़े वाले बैठाकर ले जाएंगे। ऐसे में इनकी कुछ आर्थिक मदद दी जाए। महबूबा ने कहा कि ऐसा करने से उन्हें ताकत मिलेगी। महबूबा मुफ्ती ने मांग की बकरवाल समुदाय को बकरियां नहीं चराने दे रहे हैं। ऐसा न किया जाए। इस समुदाय के ऊपर आतंकियों की मदद के आरोप लगाए जा रहे हैं कहा जा रहा है कि वे आतंकियों का खाना खिलाते हैं। मुफ्ती ने कहा कि इनके पास खुद खाने को नहीं है। ऐसे में ये आतंकियों को क्या खिलााएंगे?

कश्मीरियों की गिरफ्तारी पर जताई चिंता
बांदीपोरा और कुलगाम में ओजीडब्ल्यू होने के आरोप में दो युवकों की रहस्यमयी हत्या का जिक्र करते हुए महबूबा ने कहा कि मैं उपराज्यपाल से भी अनुरोध करती हूं कि कश्मीरियों को बिना किसी सबूत के ओजीडब्ल्यू बताकर उनकी हत्या नहीं की जानी चाहिए। महबूबा ने कहा कि कश्मीर में युवाओं की मनमानी हिरासत की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया जा रहा है, जो सही नहीं है। महबूबा ने कहा कि पहलगाम भाईचारे की भावना के लिए जाना जाता है। यहां तक कि जब आतंकवाद अपने चरम पर था, तब भी यहां के लोगों ने सद्भाव बनाए रखा। अमरनाथ यात्रा के दौरान हथियारों से लैस आतंकवादियों का सामना किया है।

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