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नायडू के बाद कौन बनेगा आंध्र का सीएम? क्या अप्रैल में 75 पार होते रिटायरमेंट की तरफ बढ़ेंगे TDP चीफ

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अमरावती

देश की राजनीति में उत्तर-दक्षिण के बीच छिड़े भाषा विवाद और परिसीमन के मुद्दे पर चेन्नई में पांच राज्यों के सीएम की बैठक हुई लेकिन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू इस बैठक से दूर रहे, जबकि परिसीमन के मुद्दे पर जब साउथ की सीटें घटने की आशंका जताई गई थी तो सबसे पहले नायडू ने कहा था कि दक्षिण को आबादी बढ़ाने पर जोर देना चाहिए। 1978 में पहली बार विधायक बने एन चंद्रबाबू नायडू वर्तमान राजनीति के ‘नानी फैक्टर’ (नायडू और नीतीश) के अहम किरदार हैं। पिछले साल आंध्र की सत्ता में लौटे और केंद्र में किंगमेकर बने नायडू परिसीमन के मुद्दे पर विपक्ष के मुख्यमंत्रियों से दूर खड़े हैं। ऐसे में चर्चा हो रही है कि क्या नायडू ने आगे बीजेपी के साथ ही मन बना लिया या फिर वह परिसीमन के मुद्दे आने वाले सियासी तूफान का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद कोई फैसला लेंगे, हालांकि चर्चा उनके सियासी फैसलों को लेकर भी हो रही है कि क्या वह बतौर सीएम कंटीन्यू करेंगे या फिर बेटे के लिए रास्ता तैयार करेंगे।

नायडू के मन में क्या है?
जो भी हो दक्षिण के राज्यों के साथ आंध्र प्रदेश की राजनीति में भी बहुत कुछ चल रहा है। तिरुपति लड्‌डू विवाद और अब तिरुमाला तिरुपति में सिर्फ हिंदुओं के नौकरी करने के फैसले उत्तर तक की सुर्खियों में हैं। पिछले साल जून में हुए चुनावों में पवन कल्याण अपने हिंदुत्व वाले अवतार के लिए चर्चा में है। वह प्रयागराज महाकुंभ भी पहुंचे थे। पवन कल्याण वर्तमान एनडीए सरकार में उप मुख्यमंत्री हैं, लेकिन इस सब के बीच आंध्र में जो सबसे बड़ी चर्चा छिड़ी है वह है राज्य के नए मुख्यमंत्री को लेकर, क्योंकि एन चंद्रबाबू नायडू अगले महीने 20 अप्रैल को 75 के हो जाएंगे। ऐसे में देखना होगा कि वह मुख्यमंत्री के पद कंटीन्यू करते हैं या फिर इस भूमिका के लिए किसी और को चुनते हैं। एन चंद्रबाबू नायडू देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने घोषित तौर पर 931 करोड़ रुपये की बताई है।

तो कौन होगा उत्तराधिकारी?
अगर नायडू 75 पार होने के बाद सीएम पद से रिटायरमेंट लेते हैं तो आंध्र में सीएम की गद्दी कौन संभालेगा? बिहार के सीएम नीतीश कुमार की तरह की एन चंद्रबाबू नायडू के एक बेटा है। नारा लोकेश वर्तमान सरकार में मंत्री हैं। एन चंद्रबाबू नायडू ऐसे नेता है जो तेलुगु इतिहास में सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहे हैं। नायडू ने पिछले साल चौथी बार सीएम की शपथ ली थी। वह कुप्पम से विधायक हैं। पहली बार भी यहीं से जीते थे। आंध्र प्रदेश के राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि एन चंद्रबाबू नायडू के अब दो ही लक्ष्य हैं। इसमें अमरावती का बतौर राजधानी विकास और बेटे नारा लोकेश को स्थापित करना शामिल है। अगर नायडू सीएम पद पर रहते भी है तो भी उन्हें इसी कार्यकाल में अपने बेटे नारा लोकेश के सियासी भविष्य को सुरक्षित करना होगा क्योंकि राज्य में बीजेपी ने नजदीकी के चलते मुस्लिम वोट बैंक के अगले चुनाव में छिटकने का डर है।

12 जून को पूरा करेंगे पहला साल
ऐसे में जब दक्षिण के राज्यों की राजनीति परिसीमन के मुद्दे पर गरमाई हुई है तो नायडू अप्रैल में 75 साल पूरे करके हुए अपना जन्मदिन सेलिब्रेट करेंगे। इसके बाद जून महीने की 12 तारीख को वह बतौर सीएम पहला कार्यकाल पूरा कर लेंगे। चर्चा यह भी जताई जा रही है कि वह बेटे नारा लोकेश को आंध्र की कमान सौंपना चाहते हैं। इसके बाद वह खुद की केंद्र की राजनीतिक में सक्रिय हो सकते हैं, हालांकि सीएम के तौर जनसेना की सीटें भले ही कम हैं लेकिन स्थानीय मीडिया में पवन कल्याण के भी एक वर्ग सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट कर रहा है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि आंध्र प्रदेश में एनटी रामाराव की लीगेसी को लेकर आगे बढ़े नायडू क्या बेटे को स्थापित कर पाएंगे? कुछ ऐसी ही चुनौती बिहार में सबसे लंबे समय मुख्यमंत्री की कुर्सी विराजमान नीतीश कुमार के सामने भी है।

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