दिल्ली के ‘वादों’ से गुजरात में गढ़ बना पाएंगे केजरीवाल? कई बड़ी घोषणा

वड़ोदरा

पहले दिल्ली और फिर पंजाब में सत्ता की गद्दी तक पहुंचने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) अब गुजरात में जमीन तलाशने में जुट गई है। इस साल के अंत में होने वाले गुजरात विधानसभा से पहले आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राज्य के दौरे पर हैं। दौरे के दूसरे दिन वडोदरा में रविवार को केजरीवाल ने गुजरात के लोगों के सामने ‘दिल्ली कार्ड’ खेलते हुए कई बड़ी चुनीवी घोषणाएं की है। केजरीवाल की घोषणाओं में दिल्ली के चर्चित मोहल्ला क्लिनिक को गुजरात में भी अमल में लाने और हर आदिवासी गांव में एक अच्छा स्कूल खोलना शामिल है।

केजरीवाल ने रविवार को कहा कि यदि उनकी पार्टी गुजरात में सत्ता में आती है तो राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में संविधान की पांचवीं अनुसूची और पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम को लागू किया जाएगा। केजरीवाल ने यह भी गारंटी दी कि गुजरात की आदिवासी सलाहकार समिति का नेतृत्व मुख्यमंत्री के बजाय समुदाय के एक व्यक्ति द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी के बीच सीधा मुकाबला होगा।

हर आदिवासी गांव में एक अच्छा स्कूल
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर आम आदमी पार्टी गुजरात में सत्ता में आती है, तो प्रत्येक आदिवासी गांव में एक अच्छा सरकारी स्कूल और एक मोहल्ला क्लिनिक खोला जाएगा। इसके अलावा आदिवासियों के मुफ्त इलाज के लिए क्षेत्र में मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल भी स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने जाति प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने और उन लोगों को घर देने का भी वादा किया जिनके पास खुद का घर नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासी गांवों को भी सड़कों से जोड़ेगी।

75 साल बाद भी आदिवासी पिछड़े हुए हैं
केजरीवाल ने कहा कि देश की आजादी के 75 साल बाद भी आदिवासी पिछड़े हुए हैं। आप के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा, ‘आदिवासियों को केवल चुनाव से पहले याद किया जाता है और सभी ने उनका शोषण किया है। संविधान आदिवासियों के लिए एक अलग व्यवस्था का प्रावधान करता है क्योंकि आदिवासी समुदाय की एक अलग संस्कृति है और वह बहुत पिछड़ा हुआ है।’ केजरीवाल ने कहा कि कोई भी सरकार भारतीय संविधान में आदिवासियों के लिए किए गए प्रावधानों को लागू करने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि वे हमेशा उनके प्राकृतिक संसाधनों को हड़पने के लिए उत्सुक रहते हैं।

‘पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों को लागू करेंगे’
केजरीवाल ने कहा, ‘हम संविधान की पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों को शब्दशः लागू करेंगे। हम पेसा अधिनियम को भी सख्ती से लागू करेंगे, जो कहता है कि कोई भी सरकार ग्राम सभा की सहमति के बिना आदिवासी क्षेत्र में कार्रवाई नहीं कर सकती।’ उन्होंने कहा, ‘एक आदिवासी सलाहकार समिति है। इसका काम आदिवासी क्षेत्रों के विकास की निगरानी करना है कि धनराशि का उपयोग कैसे करना है। कानून कहता है कि आदिवासी सलाहकार समिति का अध्यक्ष आदिवासी होना चाहिए जबकि गुजरात में मुख्यमंत्री इस समिति का नेतृत्व करते हैं। यह रोका जा सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं आपको गारंटी देता हूं कि हम आपके बच्चों का भविष्य बनाएंगे। लेकिन अगर आप उन्हें वोट देंगे तो वे आपको नकली शराब देंगे।’

मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर दिया यह जवाब
गुजरात में आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में पूछे जाने पर केजरीवाल ने कहा कि हर व्यक्ति उनकी पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार है। उन्होंने कहा, ‘हर गुजराती मुख्यमंत्री होगा। हम एक नयी उम्मीद, नई राजनीति लेकर आए हैं। हमारी पहली पार्टी है जो ईमानदारी की बात करती है।’ उन्होंने दावा किया कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने ‘अपने दोस्तों के 10 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ कर दिए हैं और अधिक माफ करना चाहते हैं, लेकिन पैसे की कमी है।

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