Daily Horoscope:10 जुलाई 2025 को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, पूर्णिमा तिथि के साथ इंद्र योग रात 9:38 बजे तक रहेगा और उसके बाद वैधृति योग शुरू हो जाएगा. करण में विष्टि दोपहर 1:55 बजे तक रहेगा, फिर बव करण का आरंभ होगा. ग्रहों की स्थिति की बात करें तो चंद्रमा धनु राशि में, राहु कुंभ राशि में मौजूद रहेंगे. वहीं, शुक्र वृषभ राशि में और सूर्य व बृहस्पति मिथुन राशि में मिलेंगे. बुध कर्क राशि में, मंगल व केतु सिंह राशि में और शनि मीन राशि में रहेंगे.
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, पूर्णिमा तिथि और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का संयोग आमतौर पर सकारात्मक होता है, लेकिन विष्टि करण और वैधृति योग कुछ राशियों के लिए चुनौतियाँ ला सकते हैं. ग्रहों की स्थिति, विशेषकर चंद्रमा का धनु राशि में होना और मंगल-केतु की युति, कुछ राशियों के लिए तनाव और बाधाएँ पैदा कर सकती हैं. आइए जानते हैं कि किन राशियों के लिए यह दिन अशुभ रहेगा और उन्हें दिन को बेहतर बनाने के लिए क्या उपाय करने चाहिए?
मेष (Aries)
मेष राशि वालों के लिए चंद्रमा नवम भाव को प्रभावित करेगा. यह भाव भाग्य और धर्म का है. वहीं, विष्टि करण और वैधृति योग के प्रभाव से इस दिन निर्णय लेने में भ्रम और कार्यों में देरी हो सकती है. पंचम भाव में मंगल और केतु की युति मानसिक तनाव और रचनात्मक कार्यों में बाधाएँ पैदा कर सकती है. कुंभ राशि में राहु के होने से 11वें भाव पर असर पड़ेगा, जिससे मित्रों या सामाजिक समारोहों में तनाव संभव है.
उपाय: सुबह हनुमान जी को लाल फूल और गुड़-चना अर्पित करें.
कर्क (Cancer)
कर्क राशि वालों के लिए चंद्रमा छठे भाव में रहेगा, जो शत्रुओं और रोग का भाव है. पूर्णिमा तिथि और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने के बावजूद, विष्टि करण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ ला सकता है, खासकर पेट की समस्याएँ या मानसिक तनाव. आपकी राशि में बुध का होना और आपके दूसरे भाव में मंगल-केतु की युति वाणी में कटुता और परिवार में तनाव की स्थिति पैदा कर सकती है.
उपाय: चाँदी के बर्तन में पानी पिएँ. यदि ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, तो चंद्रमा की पूजा करें.
सिंह (Leo)
सिंह राशि वालों के लिए मंगल और केतु की युति लग्न भाव में रहेगी, जिसका असर व्यक्तित्व और स्वास्थ्य पर पड़ेगा. यह युति क्रोध, चिड़चिड़ापन और अनावश्यक विवादों का कारण बन सकती है. चंद्रमा का पंचम भाव में होना रचनात्मकता और प्रेम संबंधों में बाधाएँ पैदा कर सकता है. वैधृति योग का प्रभाव रात में कार्यस्थल पर तनाव बढ़ा सकता है.
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उपाय: तांबे के लोटे में जल लेकर सूर्य देव को अर्पित करें.
कन्या (Virgo)
कन्या राशि वालों के लिए चंद्रमा चौथे भाव को प्रभावित करेगा. यह भाव सुख और माता का है. विष्टि करण और वैधृति योग के प्रभाव से कार्यस्थल पर देरी और पारिवारिक सुख में कमी आ सकती है. दशम भाव में सूर्य और बृहस्पति की युति करियर में अस्थायी तनाव संभव है. छठे भाव में राहु के होने से आपको स्वास्थ्य और शत्रुओं के मामलों में सावधानी बरतनी चाहिए.
उपाय: तुलसी के पौधे की पूजा करें और जल अर्पित करें.
धनु (Sagittarius)
धनु राशि वालों के लिए चंद्रमा लग्न यानी प्रथम भाव में रहेगा, इससे भावनात्मक असंतुलन और अनावश्यक खर्चों की संभावना बढ़ जाएगी. विष्टि करण और वैधृति योग के प्रभाव के कारण निर्णय लेने में गलतियाँ हो सकती हैं. नवम भाव में मंगल-केतु की युति भाग्य और यात्रा से संबंधित समस्याएँ पैदा कर सकती है.
उपाय: पीले कपड़े में हल्दी की गाँठ बाँधकर अपने पास रखें.

