22.8 C
London
Friday, July 4, 2025
Homeराजनीति96 साल का इतिहास, 6 एकड़ में फैला परिसर... अंग्रेजों के बनाए...

96 साल का इतिहास, 6 एकड़ में फैला परिसर… अंग्रेजों के बनाए पुराने संसद भवन का क्या होगा?

Published on

नई दिल्ली,

नया संसद भवन बनकर तैयार हो गया है. प्रधानमंत्री मोदी 28 मई को इसका उदघाटन करेंगे. लेकिन सवाल ये है कि संसद भवन की पुरानी इमारत का क्या होगा. वह इमारत जहां से ढेरों कालजयी कानून पारित हुए, जहां से इतिहास रचा गया, जहां से नए राष्ट्र का निर्माण हुआ. नए संसद भवन के बाद उस पुरानी इमारत के भविष्य का क्या होगा?

आजाद भारत की पहली संसद से ही देश के संविधान को अस्तित्व में लाया गया था. सरकार का कहना है कि संसद भवन की समृद्ध विरासत का संरक्षण राष्ट्रीय महत्व का सवाल है. मूल रूप से पुरानी संसद भवन को काउंसिल हाउस कहा जाता है. इस इमारत में इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल थी और इसे भारत के लोकतंत्र की आत्मा माना जाता रहा है.

पुरानी संसद भवन को ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियन्स और हर्बर्ट बेकर ने डिजाइन किया था. इस इमारत को तैयार करने में छह साल का समय लगा था. और यह इमारत 1927 में जाकर तैयार हुई थी.इस मौजूदा संसद भवन की इमारत में 1956 में दो और फ्लोर तैयार किए गए थे. 2006 में इस इमारत में संसद संग्रहालय भी तैयार किया गया, जहां देश की समृद्ध लोकतांत्रिक विरासत के 2500 सालों को दर्शाया गया.

क्या संसद भवन की पुरानी इमारत को ढहा दिया जाएगा?
मार्च 2021 में केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा में कहा था कि जब संसद की नई इमारत बनकर तैयार हो जाएगी, तो पुरानी इमारत की मरम्मत करनी होगी और वैकल्पिक तौर पर इसका इस्तेमाल करना होगा. लेकिन पुरानी संसद भवन का क्या इस्तेमाल किया जाएगा, इस पर कोई व्यापक विचार नहीं किया गया.

सरकार के मुताबिक, पुराने संसद भवन को ढहाया नहीं जाएगा. इसे संरक्षित रखा जाएगा क्योंकि यह देश की पुरातात्विक संपत्ति है. संसद से जुड़े कार्यक्रमों के आयोजन के लिए इस इमारत का इस्तेमाल किया जाएगा. 2022 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुरानी संसद भवन को संग्रहालय में तब्दील किया जा सकता है. यह सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास प्रोजेक्ट के तहत केंद्र सरकार की योजना है. संसद भवन को संग्रहालय में तब्दील होने के बाद विजिटर्स लोकसभा चैंबर में बैठ भी सकते हैं.

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि नए संसद भवन के लिए अनुमानित रूप से 862 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. बिमल पटेली अगुवाई में गुजरात की आर्किटेक्चर कंपनी एचसीपी डिजाइन्स को इस प्रोजेक्ट का डिजाइन कंसल्टेंट चुना गया था. संसद की पुरानी इमारत को काउंसिल हाउस के तौर इस्तेमाल किया गया था और बाद में संसद भवन के रूप में तब्दील किया गया. इसे कभी भी पूरी तरह से संसद के तौर पर डिजाइन नहीं किया गया था.

Latest articles

Obesity Causes And Solutions: मोटापा घटाने के लिए PM मोदी की सलाह अब ‘ईट राइट मूवमेंट’ से घटेगा वज़न, जानें आसान तरीक़े

Obesity Causes And Solutions: दुनियाभर में लोग मोटापे की समस्या से परेशान हैं. यह...

America Sanctions on Iran:8000 करोड़ के तेल व्यापार पर प्रतिबंध, हिजबुल्लाह से कनेक्शन

America Sanctions on Iran: अमेरिका ने एक बार फिर ईरान के लगभग एक अरब...

More like this

तेलंगाना BJP को बड़ा झटका विधायक टी राजा सिंह ने पार्टी से दिया इस्तीफ़ा, नेतृत्व विवाद की अटकलें तेज़

BJP : तेलंगाना में बीजेपी विधायक टी राजा सिंह ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे...

MP BJP अध्यक्ष पद पर सस्पेंस ख़त्म होने वाला है 2 जुलाई को होगा बड़ा ऐलान

MP BJP: मध्य प्रदेश बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए पिछले 6 महीने...

Jitu Patwari FIR: जीतू पटवारी के ख़िलाफ़ FIR: अशोकनगर मामले में नया मोड़ युवक ने वीडियो वायरल करने का लगाया आरोप

Jitu Patwari FIR: मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के ख़िलाफ़ अशोकनगर के मुंगावली...