सूर्य ग्रहण का क्या होगा देश दुनिया पर प्रभाव, ज्योतिष जता रहे बड़ी घटनाओं की आशंका

इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण आश्विन अमावस्या शनिवार 14 अक्टूबर को लगने जा रहा है। भारतीय समयानुसार सूर्य ग्रहण रात्रि 8 बजकर 34 मिनट से मध्य रात्रि 2 बजकर 35 मिनट तक लगने वाला है। यह सूर्यग्रहण काफी लंबा होगा। यह सूर्य ग्रहण आप उत्तर और दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के बड़े भूभाग में दिखाई देगा।

इस वलयाकार सूर्य ग्रहण की लंबी अवधि तथा ग्रहण के समय धनकारक गुरु का बड़े पाप ग्रहों (मंगल, शनि, राहु और केतु) से पीड़ित होने से इस सूर्य ग्रहण को अभी तक के पिछले कुछ बड़े ग्रहणों में सबसे विशेष बना दिया है। इस सूर्य ग्रहण के समय अमावस्या के दिन सूर्य और चन्द्रमा के साथ कन्या राशि में बुध की युति होगी। पांचवी सदी के वराहमिहिर के ग्रंथ बृहत् संहिता के अनुसार कन्या राशि में पड़ने वाले ग्रहण से फसलों, कविजन, विद्वान्, लेखकों , गायकों , अश्मक और त्रिपुरा देश , धान पैदा करने वाले प्रमुख प्रदेशों को कष्ट होता है। ग्रहण के समय सूर्य चन्द्रमा पर बुध का प्रभाव घी, शहद, तेल व राजाओं के लिए अशुभ है। अत: यह ग्रहण वर्षा में कमी तथा महंगाई बढ़ाने वाला होगा। यह ग्रहण चित्र नक्षत्र में पड़ रहा है जिसके अनर्गत आने वाले पदार्थ और व्यवसायों जैसे गहने, फैशन डिजाइनिंग, लेखक, जोहरी, गीतकार, इत्र के व्यापारी, गणितज्ञ , कपड़ा उद्योगी, शल्य चिकिस्त्सक, अमीरों के भोज्य पदार्थ बनाने वाले बड़े होटल आदि का कार्य करने वाले नकारात्मक रूप से प्रभावित होंगे।

गहनों, डिज़ाइनर कपड़ों के बढ़ेंगे दाम और कलाकारों को होगा कष्ट
ग्रहण के समय कन्या राशि और चित्र नक्षत्र के प्रभावित होने से सोने-चांदी के दाम बढ़ेंगे। डिज़ाइनर कपड़ों और गहनों के भी दाम बढ़गे। बड़े जौहरियों, फैशन डिज़ाइनर, कलाकारों, पत्रकारों के विवादों में फंसने के योग अगले 30 दिन के बीच बन रहे हैं। कन्या राशि पर पीड़ा से अनाज के दाम भी बढ़ सकते हैं विशेषकर चावल के क्यूंकि इस वर्ष भारत के चावल उत्पादक दक्षिणी राज्यों में अक्टूबर से दिसंबर के मध्य सामान्य से कम वर्षा होने के योग बन रहे हैं।

इजराइल करेगा हमास का बुरा हाल
इजराइल की स्थापना कुंडली (14 मई 1948 शाम 4 बजे तेल अवीव) कन्या लग्न की है जिसमें पड़ रहा यह सूर्य ग्रहण इजराइल को हमास के विरुद्ध युद्ध में निर्णायक बढ़त देगा। ग्रहण के समय कन्या राशि से विनाश के अष्टम भाव में पड़ रहे गुरु कुछ अमानवीय और बड़ी त्रासदी का ज्योतिषीय संकेत दे रहे हैं। इजराइल और हमास के युद्ध से मिस्र , जॉर्डन, सीरिया और लेबनॉन में ग़ज़ा पट्टी से जान बचा कर भागे फिलिस्तीनी शरणार्थिओं की बड़ी संख्या एक विकट त्रासदी का रूप ले सकती है जिस कारण अरब देशों की अगले कुछ महीनों में इजराइल से नाराज़गी बढ़ने लगेगी।

अमेरिकी महाद्वीप पर भूकंप, रहस्यमय रोग और बड़े आर्थिक घोटाले का संकट
यह सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से कनाडा और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ साथ दक्षिण अमेरिका के समस्त भूभाग में ब्राज़ील, कोलंबिया, चिली , पनामा, कैरिबियन देशों , पैराग्वे, उरुगुए आदि में दिखाई देगा। यदि हम कूर्म चक्र को उत्तर और दक्षिण अमेरिका के भूभाग पर लगाएं तो उत्तर अमेरिका में किसी मध्य श्रेणी के तथा दक्षिण अमेरिका में किसी बड़े भूकम्प के योग अगले 30 दिन में बन रहे हैं। कन्या राशि की पीड़ा से अवकहड़ा चक्र के अनुसार पनामा और पेरू में भूकंप का सबसे अधिक खतरा होगा।

ग्रहण के समय मंगल का वायु तत्व की राशि तुला में हो कर शनि से त्रिकोण में होंगे तथा गुरु पर शनि और मंगल दोनों की दृष्टि अमेरिका की शेयर बाजार में तथा राजनीति में किसी बड़े संकट का संकेत है जिसका भारतीय बाज़ारों पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा। इसके अतिरिक्त दक्षिण अमेरिका में किसी रहस्यमय बीमारी या बुखार के फैलने के भी ज्योतिषीय सकते मिल रहे हैं।

सचिन मल्होत्रा,
ज्योतिषशास्त्री

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