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Monday, September 15, 2025
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भारत में कब और कितने बजे लगेगा सूर्य ग्रहण, जानें ग्रहण की टाइमिंग और सूतक काल

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सौरमंडल में लगने वाली ग्रहण की घटना भले ही खगोलीय हो, लेकिन ज्योतिष के मुताबिक इसके लाभ और हानि का दूरगामी परिणाम होता है. इस साल चार ग्रहण हैं. जिसमें पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 को और पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को लग चुका है. अब इस वर्ष के अंतिम दो ग्रहण लगने जा रहे हैं. जिसमें, 14 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा.

ज्योतिषियों के मुताबिक, एक ही माह में दो ग्रहण लगना बिल्कुल भी लाभकारी नहीं है. इतना ही नहीं, 14 अक्टूबर से 4 नवंबर तक के 20 दिन भी खगोलीय घटनाक्रम के नजरिए से बेहद विशेष माने जा रहे हैं, जिसका प्रभाव धरती पर प्राकृतिक आपदा, भूकंप, महामारी, सुनामी, बड़े देशों में युद्ध की स्थिति के रूप में देखा जाएगा.

कब है सूर्य ग्रहण?
ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी ने बताया कि 2023 में कुल मिलाकर चार ग्रहण हैं. जिसमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण हैं. प्रथम सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 को लगा था और पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को लगा था. अब आने वाले दो ग्रहण एक सूर्य ग्रहण और एक चंद्र ग्रहण अश्विन महीने में पड़ेंगे. यह दोनों ग्रहण एक ही महीने में पड़ रहे हैं.

भारत में कितने बजे लगेगा सूर्य ग्रहण?
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण अश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या पर 14 अक्टूबर, शनिवार को लगेगा. यह सूर्य ग्रहण कंकड़ाकृति सूर्य ग्रहण होगा. इसकी विशेषता यह है कि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. मूल रूप से यह सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका, मध्य अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका तथा उत्तरी अफ्रीका का किनारा, अटलांटिक और प्रशांत महासागर में दिखाई देगा. भारतीय समयानुसार, 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण शनिवार को रात में 8 बजकर 34 मिनट पर प्रारंभ होगा और इसका समापन रात 2 बजकर 25 मिनट पर होगा.

सूतक काल मान्य होगा या नहीं
पंडित पवन त्रिपाठी के मुताबिक, यह ग्रहण भारत में नहीं दृश्यमान होगा. इसलिए, इसका सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा. यानी कि इस ग्रहण का देश दुनिया पर भौतिक प्रभाव, आध्यात्मिक प्रभाव, सूतक का प्रभाव या किसी प्रकार का धार्मिक प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. इस ग्रहण के दौरान भारत में रहने वाले सभी लोगों के लिए सामान्य दिनचर्या होगी. शास्त्रों की मानें तो ग्रहण जहां लगता है और जहां दिखता है वहीं इसका प्रभाव भी पड़ता है. इसलिए, भारत में यह ग्रहण न दिखने के कारण इसका कोई भी प्रभाव भारतवासियों पर नहीं पड़ने वाला है.

विश्व पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव
उन्होंने आगे बताया कि लेकिन अगर इस ग्रहण को विश्व परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो निश्चित रूप से अश्विन महीने में यानी कि एक ही महीने में लगने वाले दो ग्रहण समाज के लिए, विश्व के लिए अच्छा नहीं है. धर्म शास्त्रों में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि अगर एक ही महीने में दो ग्रहण लगते हैं तो यह विश्व के लिए समाज के लिए अच्छा नहीं माना गया है.

कहां कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण
यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. साल का दूसरा सूर्यग्रहण दक्षिण अमेरिका के क्षेत्रों को छोड़कर उत्तरी अमेरिका, कनाडा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, ग्वाटेमाला, मैक्सिको, अर्जेटीना, कोलंबिया, क्यूबा, बारबाडोस, पेरु, उरुग्वे, एंटीगुआ, वेनेजुएला, जमैका, हैती, पराग्वे, ब्राजील, डोमिनिका, बहामास, आदि जगहों पर दिखाई देगा.

कब लगता है सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और पृथ्वी पर छाया डालता है. इस अवस्था में वो सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक लेता है. कंकणाकृति सूर्य ग्रहण मिला जुला सूर्य ग्रहण माना जाता है जिसमें ग्रहण एक कुंडलाकार सूर्य ग्रहण के रूप में शुरू होता है फिर धीरे-धीरे यह पूर्ण सूर्य ग्रहण में बदल जाता है और फिर वापस आकर कुंडलाकार सूर्य ग्रहण में बदल जाता है.

सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें
1. सूर्य ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान करें. पूरे घर और देवी देवताओं को शुद्ध करें.
2. ग्रहण के दौरान सीधे सूर्य को देखने से बचना चाहिए.
3. ग्रहण के दौरान बाहर जाने से बचें. साथ ही ध्यान रखें कि आप कोई गलत काम न करें.
4. ग्रहण के बाद हनुमान जी की उपासना करें.

सूर्य ग्रहण के दौरान क्यों होता है खाना पीना वर्जित?
धार्मिक शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ भी नहीं खाना चाहिए. स्कंद पुराण में भी उल्लेखित है कि सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन करने से सेहत पर गलत असर पड़ता है. यह भी बताया गया है कि सूर्य ग्रहण के समय भोजन करने से सारे पुण्य और कर्म नष्ट हो जाते हैं.

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