मोदी पनौती नहीं लेकिन ‘छोटी पनौती’ कर रही परेशान, जानें कौन है असली पनौती

पनौती शब्द का क्या होता है मतलब, यह भले ही लोग नहीं जानते हों लेकिन जब कोई काम नहीं बनता है तो अक्सर लोग किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान को पनौती कहने लगते हैं, यानी बैडलक के तौर पर लोग इस शब्द का प्रयोग करते हैं। भारत के विश्वकप क्रिकेट हार जाने के बाद से पनौती शब्द बहुत ट्रेंड कर रहा है। राहुल गांधी ने भी राजस्थान के जालोर में चुनावी सभी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए पनौती शब्द का प्रयोग किया। राहुल गांधी ने कहा कि, अच्छा भला वहां हमारे लड़के वहां वर्ल्ड कप जीत जाते, लेकिन पनौती ने हरवा दिया, टीवी वाले ये नहीं कहेंगे। राहुल गांधी के पनौती शब्द का प्रयोग किए जाने को लेकर मामला अब तूल पकड़ चुका है। बीजेपी ने राहुल गांधी के द्वारा प्रधानमंत्री के लिए पनौती शब्द प्रयोग किए जाने को लेकर आपत्ति दर्ज की है और मामला आप चुनाव आयोग तक पहुंच गया है। जहां राहुल गांधी से पनौती शब्द का मतलब पूछा गया है। आइए जानते हैं कि पनौती का मतलब दरअसल क्या होता है।

पनौती का संबंध शनि देव से
दरअसल पनौती शब्द का संबंध ज्योतिष के विषय़ से है। ज्योतिषशास्त्र में शनि की साढेसाती के बारे में आपने सुना तो होगा ही। शनि जब किसी व्यक्ति की राशि से पहुंचते हैं तो उससे अगली और पिछली राशि पर साढेसाती का प्रभाव डालते हैं। शनि चूंकि एक राशि में ढाई साल तक रहते हैं इसलिए जब किसी व्यक्ति की साढ़ेसाती शुरू होती है तो पूरे साढ़े सात साल तक उनकी साढ़ेसाती बनी रहती है। क्योंकि व्यक्ति की राशि से एक राशि पहले जब शनि आते हैं तब से लेकर उस व्यक्ति की राशि अगली राशि में शनि के रहने तक उन पर साढ़ेसाती का प्रभाव बना रहता है।

किसे कहते हैं पनौती
शनि की साढ़ेसाती को ही पनौती के नाम से जाना जाता है। क्योंकि आम धारणा यह है कि शनि की साढ़ेसाती जब लगती है तो व्यक्ति का बैड लक शुरू हो जाता है। यहां आपको एक बात और भी बता दें कि पनौती को भी छोटी और बड़ी मानते हैं। साढ़ेसाती को बड़ी चुनौती मानते हैं जिसे सरल भाषा में पनौती कह देते हैं। जबकि ढैय्या जो व्यक्ति की जन्म राशि से चौथे और अष्टम भाव में शनि के आगमन से लगती है उसे छोटी पनौती कहते हैं क्योंकि यह केवल ढैय्या वर्ष की होती है।

पनौती नहीं है अशुभ और मनहूस
लेकिन शनि देव की साढेसाती यानी पनौती हमेशा अशुभ नहीं होती है। शनि महाराज ने भगवान शिव की आराधना की जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने शनिदेव को नवग्रहों में न्यायाधीश का पद प्रदान किया। इसलिए शनि की दशा और गोचर जब लगती है तो व्यक्ति को उनके कर्मों के हिसाब से शनिदेव दंडित करते हैं और पुरस्कार भी देते हैं। इसलिए शनि की साढेसाती को अशुभ शकुन या पनौती कहना सही नहीं।

भद्रा का संबंध पनौती से
वैसे शनि देव के साथ ही शनि की बहन भद्रा को भी पनौती रूप में बताया जाता है। शनिदेव की बहन भद्रा जहां जहां जाती थी वहां तवाही मचा रही थी। इससे ब्रह्माजी ने भद्रा को तीनों लोकों में स्थान दिया और उनका समय भी निर्धारित किया। इसके साथ ही भद्रा से कहा कि जब भी कोई शुभ काम भद्रा के समय पर होगा उस काम में बाधा आएगी और उस काम का शुभ फल नष्ट हो जाएगा। इसलिए शनि की बहन भद्रा को भी पनौती के रूप में जाना जाता है।

नरेंद्र मोदी पर छोटी पनौती का प्रभाव
वैसे ज्योतिषीय आकलन के हिसाब से देखें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में लग्न और राशि वृश्चिक है। अभी सिंह से शनिदेव चतुर्थ स्थान में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में वृश्चिक राशि के जातकों पर शनि ढैय्या यानी छोटी पनौती चल रही है। इसलिए वृश्चिक राशि के नरेंद्र मोदी को इस समय देश के साथ ही साथ अंतर्राष्ट्रीय राजनीति ने चक्रव्यूह में फंसा रखा है। इसी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विपक्ष के तीखे प्रहार का सामना भी करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पहली बार चुनाव जीतकर आए थे तब उन्होंने खुद को देश के लिए भाग्यशाली बताया था और आज उन्हें पनौती शब्द सुनने को मिल रहा है।

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