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AAP के चुनाव कैंपेन की दिशा मोड़ सकता है मनीष सिसोदिया की जमानत पर फैसला

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नई दिल्ली,

अरविंद केजरीवाल की गैरमौजूदगी में आम आदमी पार्टी ने अपना चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है, और नया नारा दिया है – ‘जेल का जवाब वोट से.’आप नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय के नेतृत्व में कैंपेन की शुरुआत दिल्ली के विश्वास नगर से हुई है. ये वो इलाका है जहां 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को बीजेपी से हार का मुंह देखना पड़ा था.

अव्वल तो अरविंद केजरीवाल के बाद दिल्ली में फिलहाल संजय सिंह ही नंबर 2 की भूमिका में नजर आ रहे हैं. खास बात ये है कि शुरू से ही आम आदमी पार्टी में नंबर 2 रहे दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी बाहर आने का इंतजार कर रहे हैं. हाल ही में जेल से लिखी अपनी चिट्ठी में भी मनीष सिसोदिया ने ऐसी मंशा जाहिर की थी, और अब दिल्ली की अदालत में भी उनकी तरफ से जमानत अर्जी दाखिल कर दी गई है. कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई और ईडी को नोटिस देकर जवाब दाखिल करने को कहा है.

चुनाव प्रचार के लिए सिसोदिया की जमानत अर्जी
हाल ही में मनीष सिसोदिया ने जेल से अपने इलाके की जनता के नाम एक चिट्ठी लिखी थी. 15 मार्च को लिखी इस चिट्ठी में मनीष सिसोदिया ने बहुत सी बातें कही है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है – ‘जल्द ही बाहर मिलेंगे.’ सिसोदिया ने अपनी चिट्ठी लव यू ऑल के साथ खत्म की है.

मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था, और फिर ने 9 मार्च, 2023 को मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस कस्टडी के बाद से मनीष सिसोदिया जेल में हैं – और जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अर्जी लगा चुके हैं, लेकिन हर बार उनकी याचिका खारिज होती आई है.

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई के लिए कोर्ट न केवल तैयार हो गया, बल्कि सीबीआई और ईडी को अपना पक्ष रखने का भी आदेश दे दिया. सुनवाई की अगली तारीख 20 अप्रैल है – यानी देश में पहले चरण के मतदान के एक दिन बाद. लोकसभा चुनाव में पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को है, जबकि दिल्ली में वोटिंग 25 मई को है.

मनीष सिसोदिया ने पत्नी के बीमार होने को आधार बनाकर दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी, लेकिन अदालत ने माना कि उन पर लगे आरोप बेहद गंभीर प्रकृति के हैं, इसलिए छह हफ्ते के लिए रिहा करना मुश्किल है – और सुप्रीम कोर्ट की करीब करीब ऐसी ही टिप्पणी रही. हालांकि, हाई कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को पत्नी से मिलने की इजाजत दे दी थी.

जमानत पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, दिल्ली शराब नीति केस से जुड़े कई सवालों के जवाब नहीं मिले हैं. 338 करोड़ रुपये का लेन देन हुआ है, और उसमें मनीष सिसोदिया की भूमिका संदिग्ध लग रही है. 30 अक्‍टूबर 2023 को ये कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी – लेकिन जांच एजेंसियों को 6-8 महीने में ट्रायल पूरा करने का निर्देश जरूर दिया था.

कुछ दिन पहले ही सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि केस की जांच अहम स्टेज में है, और केस से जुड़ी कुछ और हाई प्रोफाइल गिरफ्तारियां हो सकती हैं. उसके बाद ही अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार किया था – और अब सीबीआई ने बीआरएस नेता के. कविता को गिरफ्तार कर लिया है.

दिल्ली में तो केजरीवाल का नाम ही काफी है
फर्ज कीजिये, संजय सिंह के बाद मनीष सिसोदिया को भी जमानत मिल जाती है, ऐसे में अरविंद केजरीवाल के बाहर न होने से आम आदमी पार्टी के चुनाव कैंपेन पर कोई असर भी पड़ेगा? अगर दिल्ली आम आदमी पार्टी का वास्तव में कोई प्रभाव मायने रखता है तो अरविंद केजरीवाल का नाम ही काफी है – और ऐसी सूरत में अरविंद केजरीवाल के जेल में होने की वजह से पार्टी को लोगों की सहानुभूति मिलने की भी संभावना बढ़ जाती है.

आप नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय कहते हैं, अरविंद केजरीवाल ही चुनाव में बड़ा मुद्दा हैं – और बीजेपी के लिए जेल में बंद केजरीवाल बाहर वाले केजरीवाल से ज्यादा खतरनाक साबित होंगे. गोपाल राय की मानें तो जिस तरह केजरीवाल ने दिल्ली वालों के लिए काम किया है… अब दिल्ली वाले उनके लिए अपना प्यार दिखाएंगे.आप के ‘जेल का जवाब वोट से’ मुहिम के साथ डोर टू-डोर कैंपेन कर रहे गोपाल राय कहते हैं, अब दिल्ली की जनता कप्तान है, और घर घर जाकर वो लोगों से कह रहे हैं – अब आप ही केजरीवाल हैं.

अरविंद केजरीवाल के गैरमौजूदगी में संजय सिंह और अगर मनीष सिसोदिया भी बाहर आ जाते हैं तो स्टार कैंपेनर होंगे. आम आदमी पार्टी नुक्कड़ सभा लगा कर चुनाव कैंपेन करती है, जिसमें आतिशी और सौरभ भारद्वाज भी प्रभावी हो सकते हैं – कम से कम दिल्ली में तो ये संभव है ही. पंजाब में भगवंत मान और दूसरे राज्यों स्थानीय नेता अपने स्तर पर चुनाव प्रचार का काम संभाल लेंगे – अगर जरूरत पड़ी तो सुनीता केजरीवाल भी अरविंद केजरीवाल का मैसेंजर बनकर घर घर उनका संदेश पहुंचाने की कोशिश कर सकती हैं.

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