— यूनाईटेड मलयाली एसोसिएशन भोपाल ने मनमोहक सांस्कृतिक प्रदर्शन के साथ मनाया ओणम
भोपाल।
यूनाईटेड मलयाली एसोसिएशन भोपाल ने विभिन्न कार्यक्रमों के साथ ओणम-2024 धूमधाम के साथ मनाया। रविवार को एसएन मिशन हॉल, सुभाष नगर में हुए उत्सव में मलयाली समुदाय की समृद्व सांस्कृतिक ताने-बाने को एक शानदार प्रस्तुति दी और एक जीवंत सांस्कृतिक प्रदर्शन के साथ दर्शकों को मंत्रमुक्त कर दिया। यह कार्यक्रम समुदाय की कलात्मक प्रतिभा और समकालीन अभिव्यक्तियों को अपनाने के साथ-साथ अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की प्रतिवद्वता का प्रमाण था।
उत्सव की शुरूआत कलांजलि, भोपाल के प्रदर्शन के साथ हुई। उनकी मनमोहक कोरियोग्राफी और प्रदर्शनों के लिए एक विद्युतीय स्वर स्थापित किया, जिसमें पारंपरिक कला के सार को समकालीन नृत्य की जीवंतता के साथ मिश्रित किया गया। दर्शक उनकी रचनात्मक अभिव्यक्ति और मंच पर उनके द्वारा लाई गई ऊर्जा से मंत्रमुक्त हो गए। इसके बाद प्रतिभालय कला अकादमी, भोपाल शास्त्रीय कला प्रदर्शनों की एक श्रृंखला के साथ मंच संभाला, जिसने कार्यक्रमों में परिष्कार और अनुग्रह का माहौल बना दिया।
प्रतिभागी नाट्यश्री ने पारंपरिक और आधुनिक तत्वों को सहजता से मिश्रित करते हुए प्रदर्शनों की एक श्रृंखला प्रस्तुत की। संगीत प्रदर्शन शाम का मुख्य आकर्षण थे, जिसमें मलयाली लोगों की समृद्व संगीत विरासत को प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम का संगीत खंड समुदाय की कलात्मक प्रतिभाओं का एक जीवंत उत्सव था जो उनकी संगीत परंपराओं के साथ उनके गहरे जुड़ाव को दर्शाता है।
उससे पहले राजा महाबली को चेंडामेलम के साथ भव्य और पारंपरिक स्वागत किया गया। साथ ही केरल की युवतियां तालाप्पोलि, फूलों की पंखुडियों वाला दिया थामे थीं। तिरूवातिरा नृत्य, तिरूवातिरा नृत्य की प्रस्तुति की गई। एसोसिएशन के अध्यक्ष ओडी जोसेफ ने अपने स्वागत भाषण में इस बात पर जोर दिया कि आज के जीवन में ओणम की सच्ची प्रासंगिकता न केवल परंपराओं का पालन करने में है बल्कि त्यौहार के सार को हमारे दैनिक जीवन में शामिल करने में भी है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन ने हाल ही में एक भव्य केरल उत्सव के साथ अपनी 40वीं वर्षगांठ मनाई, जिसमें केरल की समृद्व सांस्कृतिक का प्रदर्शन किया गया।
समारोह की मुख्य अतिथि महापौर श्रीमती मालती राय ने अपने संबोधन में कहा ओणम एक ऐसा त्योहार है जो एकता, शांति और सदभाव का प्रतीक है। यह एकजुटता और समुदाय के मूल्यों को दर्शाता है, ठीक उसी तरह जैसा की हम आज यहां देखते हैं। राजा महाबली की कथा हमें समानता, उदारता और समाज में धार्मिकता को बनाये रखने की महत्व की याद दिलाती है। यूनाईटेड मलयाली एसोसिएशन द्वारा आयोजित केरल उत्सव, विशेष रूप से यहां भोपाल में इस बात का प्रमाण है कि कैसे संस्कृति सीमाओं पार करती है, लोगों को जोड़ती है और जिस समाज में वे रहते हैं उसे समृद्व करती है।
सीआईएसएफ की असिस्टेंट कमांडेंट श्रीमती नुसैफा केकेे ने अपने संबोधन में भोपाल में मलयाली समुदाय के प्रयासों की सराहना की। सेंट जॉर्ज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट्स के चेयरमैन बाबू थोमस ने एसोसिएशन के प्रयासों की सराहना की। खासकर मलयालम मिशन कक्षाओं के माध्यम से मलयालम भाषा को बढ़ावा देने में, जिसे एसोसिएशन केरल सरकार के सांस्कृतिक मामलों के विभाग के तहत चल रहा है। भोपाल नायर समुदायम के अध्यक्ष एजी वल्लभन ने कहा कि कला और संस्कृति को संरक्षित और बढ़ावा देना हर नागरिक की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है और हर किसी को इसमें योगदान देना चाहिए। इस अवसर पर महासचिव केपी दास और उपाध्यक्ष अनिल नायर ने भी अपने विचार रखे। कला सचिव केएम रघु ने पूरे कार्यक्रम का समन्वय किया।